80 के दशक की मशहुर कवियित्री और गीतकार ने दुनिया को कहा अलविदा, बेटे ने की मौत की पुष्टि

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माया गोविंद का जन्म 1940 में उत्तर प्रदेश के शहर लखनऊ में हुआ था। जिसके बाद उन्होनें 1972 में एक गीतकार के तौर पर अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। उन्होनें कई फिल्मों में बतौर गीतकार काम किया था। जैसे की आरोप, जलते बदन, सावन को आने दो, बेकाबू, दमन, सौतेला, रजिया सुल्तान, टक्कर, …

माया गोविंद का जन्म 1940 में उत्तर प्रदेश के शहर लखनऊ में हुआ था। जिसके बाद उन्होनें 1972 में एक गीतकार के तौर पर अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। उन्होनें कई फिल्मों में बतौर गीतकार काम किया था। जैसे की आरोप, जलते बदन, सावन को आने दो, बेकाबू, दमन, सौतेला, रजिया सुल्तान, टक्कर, पायल की झंकार, बाल ब्रह्मचारी, आर या पार, गर्व, मैं खिलाड़ी अनाड़ी, लाल बादशाह, बांवरी हमेशा, चाहत, ईमानदार, तोहफा मोहब्बत का, कैद, अनमोल, याराना, दलाल, गज गामिनी, गंगा की कसम, हम तुम्हारे हैं सनम जैसी 350 से भी अधिक फिल्मों के लिए गाने लिखे थे।

माया गोविंद 80 के दशक से लेकर अब तक मशहूर सीरियलों और निजी एलबमों के लिए भी गाने लिखे थी। कथक नृत्य में पारंगत माया गोविंद की कविताओं, नज्मों, गजलों, दोहों, भजनों और गीतों की 10 से ज्यादा किताबें भी प्रकाशित हो चुकीं हैं। उन्हें अपनी तमाम उपलब्धियों के लिए ढेरों राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों से भी नवाजा जा चुका है।

जानी-मानी कवयित्री का आज हुआ निधन

आपको जान कर हैरान होगा जानी-मानी कवयित्री, लेखिका और 350 से भी ज्यादा हिंदी फिल्मों के लिए गीत लिखने वाली गीतकार माया गोविंद का आज मुम्बई में निधन हो गया। लम्बे समय से वह बीमार चल रहीं थी, आपको बातदें कि माया गोविंद की‌ उम्र 82 साल थी। माया गोविंद के बेटे अजय गोविंद ने एक बात के दौरान बताया कि मां की मौत आज सुबह 9.30 बजे हमारे जुहू में स्थित घर में हुई। जब उनकी मौत हुई, तब वो नींद में थीं। डॉक्टर ने अभी उनकी मौत की सही कारण के बारे मे नहीं बताया है।

अजय गोंविद ने मां की बीमारी और इलाज के प्रति अस्पताल के लापरवाही भरे रवैये पर अपना रोष जाहिर करते हुए कहा कि, पिछले चार महीनों में उन्हें दो बार अस्पताल में भर्ती कराया गया था, मगर इलाज में लापरवाही के चलते बाद में हमने मां का इलाज घर पर ही जारी रखने का फैसला किया था।

माया गोविंद के बेटे अजय गोविंद ने बताया कि मौत से पहले अपनी मां माया गोविंद की खस्ता हालत के बारे में बात करते हुए कहा कि ब्रेन ब्लड क्लॉटिंग के चलते उन्हें मुम्बई के जुहू स्थित आरोग्य निधि अस्पताल में दाखिल कराया गया था। लेकिन उनका कहना है कि अस्पताल में सही ढंग से इलाज नहीं होने और इलाज में लापरवाही बरतने के चलते घर पर इलाज जारी रखने का निर्णय परिवार ने लिया था।

इसके बाद अजय गोविंद बताते हैं, कि मां को पिछले साल पहले 27 से 31 दिसंबर के बीच में आरोग्य निधि अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें यूरीन इंफेक्शन और अन्य तरह की समस्याएं हो रहीं थीं। मगर एक बार फिर से जब उनकी तबीयत बिगड़ी तो उन्हें 20 जनवरी को फिर से आरोग्य निधि अस्पताल में भर्ती कराया गया। जांच में उन्हें ब्रेन ब्लड क्लॉटिंग का पता चला, तबीयत के और बिगड़ जाने की वजह से हम मां को 26 जनवरी घर पर ले आए थे और पिछले लगभग ढाई महीने से घर पर ही उनका इलाज चल रहा था।

माया गोविंद के लिखे कुछ मशहूर गाने

  • नैनों में दर्पण है (आरोप)
  • तेरी मेरी प्रेम कहानी (पिघलता आसमां)
  • दिल की हालत किसको बताएं (जनता की अदालत)
  • नजरें लड़ गय्यां (बाल ब्रह्माचारी)
  • मोरे घर आए सजनवा (ईमानदार)
  • वादा भूल ना जाना (जलते बदन)
  • चंदा देखे चंदा (झूठी)
  • कजरे की बाती (सावन को आने दो)
  • दिल लगाने की ना दो सजा (अनमोल)
  • चुन लिया मैंने तुझे (बेकाबू)
  • नू्रानी चेहरे वाले (याराना)
  • आएगी वो आएगी (यारां)
  • मुझे ज़िंदगी की दुआ ना दे (गलियों का बादशाह)
  • गुटुर गुटर (दलाल)
  • यहां कौन है असली (कैद)
  • मैं अनाड़ी तू खिलाड़ी (टाइटल गीत)
  • आंखों में बसे हो तुम (टक्कर)
  • गले में लाल टाई (हम तुम्हारे हैं सनम)
  • दरवाजा खुल्ला छोड़ आई (नाजायज)
  • सुन सुन गोरिया (दमन)

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