पीलीभीत: झगड़े की सूचना पर पहुंची पुलिस पर हमला, दरोगा-सिपाही को पीटा
पीलीभीत, अमृत विचार। नाली विवाद में दो पक्षों के बीच झगड़े की सूचना मिलने पर दबिश देने पहुंची गजरौला पुलिस पर एक पक्ष की ओर से जमा भीड़ ने हमला कर दिया। दरोगा और सिपाहियों से मारपीट की गई। इसकी सूचना मिलने पर अतिरिक्त पुलिस बल गांव पहुंचा और फिर सख्ती करते हुए दस हमलावरों …
पीलीभीत, अमृत विचार। नाली विवाद में दो पक्षों के बीच झगड़े की सूचना मिलने पर दबिश देने पहुंची गजरौला पुलिस पर एक पक्ष की ओर से जमा भीड़ ने हमला कर दिया। दरोगा और सिपाहियों से मारपीट की गई। इसकी सूचना मिलने पर अतिरिक्त पुलिस बल गांव पहुंचा और फिर सख्ती करते हुए दस हमलावरों को धर दबोचा।
दरोगा की ओर से गजरौला थाने में सरकारी कार्य में बाधा डालने, सरकारी कर्मचारी पर हमला करने, सेवन क्रिमिनल लॉ एक्ट समेत संगीन धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई। पकड़े गए हमलावरों को चालान कर कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया है।
गजरौला थाना क्षेत्र के गांव बानगंज निवासी सालिकराम के खेत में गांव का पानी जमा होता है।
इसे लेकर उसका विवाद प्रधान के पति इकबाल से चलता है। सोमवार रात सालिकराम और प्रधान पक्ष के बीच इसी विवाद को लेकर गाली गलौज हो गई। दोनों ओर से लोग जमा हुए और झगड़ा होने लगा। इसकी सूचना यूपी 112 पुलिस को दी गई। यूपी 112 पुलिस के पहुंचने के बाद भी हंगामा चलता रह। जिसके बाद गजरौला थाना प्रभारी को सूचित किया गया।
इस पर जरा पुलिस चौकी के इंचार्ज जितेंद्र सिंह, हेड कांस्टेबल अनिल, सिपाही मोहित पाल के साथ गांव पहुंच गए।झगड़ा कर रहे लोगों को शांत कराने का प्रयास किया गया।मगर, आरोप है कि सालिकराम पक्ष से जमा भीड़ दरोगा-सिपाहियों से ही भिड़ गई। उन पर हमला करके मारपीट कर दी। किसी तरह पुलिस ने खुद को बचाया।
पुलिस पर हमला करने की सूचना विभाग तक पहुंची तो खलबली मच गई। आनन-फानन में मुख्यालय और थाना गजरौला से भारी पुलिस बल बानगंज पहुंचा। सीओ सिटी सुनील दत्त भी पीछे से आ गए। जिसके बाद पुलिस ने सख्ती करते हुए हमलावरों की तलाश में दबिश देना शुरू किया। भीड़ को भी सख्ती कर खदेड़ दिया।
दस आरोपियों ओमप्रकाश, विजयपाल, भीमसेन, वीरपाल, विजय बहादुर, पंकज, सौरभ, मुनीष, विक्रमपाल, बाबूराम और राजकुमार को गिरफ्तार कर लिया। थाने लाकर सख्ती से पूछताछ की गई। जिसके बाद दरोगा सिपाहियों का मेडिकल परीक्षण कराया गया। पकड़े गए हमलावरों को नामजद करते हुए एफआईआर दर्ज की गई। मंगलवार को कोर्ट में पेश करके जेल भेज दिया।
पुलिस पर दबाव बनाने का भी किया प्रयास
हमला करने वाली भीड़ ने पुलिस पर दबाव बनाने का भी प्रयास किया। झगड़े की सूचना मिलने पर पहुंचे दरोगा-सिपाहियों से की गई अभद्रता को छिपाने के लिए नशे में होने और ग्रामीणों की सुनवाई न करते हुए एकपक्षीय कार्रवाई करने का भी आरोप लगा दिया गया।मगर, पुलिस पर हमला कर चुके थे, ऐसे में अफसरों के सामने उनकी एक न चल सकी।
वीडियो से हमलावरों की होगी शिनाख्त
घटना के दौरान माेबाइल से कुछ लोगों ने और पुलिस की तरफ से वीडियो भी बनाई जाती रही थी।जिसमें हंगामा कैमरे में कैद किया गया था। अब पकड़े गए हमलावरों के अन्य साथियों की पहचान के लिए ये वीडियो ही साक्ष्य के तौर पर इस्तेमाल किए जाएंगे। पुलिस ने वीडियो जुटाकर शिनाख्त को टीम लगा दी है। इसे लेकर भी कई लोगों को खुद के फंसने का डर सताने लगा है।
पहले भी हो चुका है हमला
पुलिस को शुरुआती जांच में एक बात और संज्ञान में आई है कि इसी गांव में पूर्व में एक प्रशासनिक अफसर पर भी हमला हो चुका है। हमला करने वाले भी इसी पक्ष के लोग बताए गए हैं।इसकी तस्दीक करने के लिए पुराने मामले को लेकर भी गहनता से पड़ताल पुलिस कर रही है। ताकि साक्ष्य एकत्र करने के बाद शिकंजा कसा जा सके।
झगड़े की सूचना मिलने पर गजरौला पुलिस बानगंज गांव में दबिश देने गई थी। एक पक्ष से जमा भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया था। मामले में दस आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। एफआईआर दर्ज करा दी गई है, सख्त कार्रवाई होगी। – सुनील दत्त, सीओ सिटी
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