हल्द्वानी: दो दिन की बारिश से ही धंस गई गौला पुल के एप्रोच मार्ग की मिट्टी, आवाजाही पर बना खतरा

हल्द्वानी, अमृत विचार। अक्टूबर में आई आपदा में गौला पुल का क्षतिग्रस्त हुआ 30 मीटर का हिस्सा एनएचएआई ने बना तो दिया, लेकिन दो दिन की बारिश ने एक बार फिर उसे क्षतिग्रस्त कर दिया है। यहां एप्रोच मार्ग के बराबर से मिट्टी धंसना शुरू हो गया है। इस कारण यहां वाहनों के आवागमन में …
हल्द्वानी, अमृत विचार। अक्टूबर में आई आपदा में गौला पुल का क्षतिग्रस्त हुआ 30 मीटर का हिस्सा एनएचएआई ने बना तो दिया, लेकिन दो दिन की बारिश ने एक बार फिर उसे क्षतिग्रस्त कर दिया है। यहां एप्रोच मार्ग के बराबर से मिट्टी धंसना शुरू हो गया है। इस कारण यहां वाहनों के आवागमन में परेशानी हो रही है। साथ ही पुल की सुरक्षा को लेकर भी सवाल खड़ा होना शुरू हो गया है।
चार माह पहले अक्टूबर में बारिश के कारण आई आपदा में गौला पुल के एप्रोच मार्ग का 30 मीटर हिस्सा धराशायी हो गया था। इसके कारण करीब एक माह तक गौला पुल पर वाहनों का आवागमन बंद रहा। मौके पर पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुल को 15 दिन के अंदर ठीक करने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद एनएचएआई ने यहां दिन रात काम करके पुल को चालू तो कर दिया लेकिन तीन माह बाद फिर पुल के एप्रोच मार्ग की मिट्टी धंसने लगी है। इसके कारण पुल की सुरक्षा पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। चुनावी माहौल होने के बाद भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
एक साथ दो वाहन नहीं निकल पा रहे
एप्रोच मार्ग की मिट्टी धंसने के कारण पुलिस ने यहां बड़े-बड़े पत्थर रख दिए हैं ताकि कोई जनहानि न हो। मार्ग पर पत्थर रखे होने के कारण एप्रोच मार्ग काफी संकरा हो गया है। यहां से दो वाहन एक साथ नहीं निकल पा रहे हैं। वहीं बड़े वाहन चालकों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पुलिस ने यहां से भारी वाहनों का आवागमन बंद कराने के लिए अधिकारियों से कहा है। अधिकारियों के निर्देश मिलने के बाद पुल से बड़े वाहनों का आवागमन कभी भी बंद हो सकता है।
एप्रोच मार्ग को ठीक करने में तीन करोड़ रुपये की धनराशि खर्च हुई थी। चार माह पहले मुख्यमंत्री के निर्देश पर काम शुरू कर दिया था। इसका पैसा अब मिला है। एप्रोच मार्ग की मिट्टी को धंसने से रोकने के लिए दीवार का निर्माण कराया जाएगा।- योगेंद्र शर्मा, परियोजना निदेशक, एनएचएआई