बहराइच: रीढ़ की टूटी हड्डी की सफल सर्जरी, मरीज को दिया ‘अभयदान’

बहराइच। जिले में पहली बार टूटी रीढ़ की हडडी की सफल सर्जरी हुई है। मेडिकल कॉलेज के आर्थोपैडिक सर्जन डॉ. विकास मिश्र ने रीढ़ की हड्डी (थोरेसिक) टूटकर अंदर धंस गई थी। नसें दबने की वजह से मरीज को ट्रॉमेटिक पैरा प्लीजिया हो गया था। कम्प्रेशन ऑफ स्पाइनल कार्ड की पहली बार सर्जरी कर मरीज …
बहराइच। जिले में पहली बार टूटी रीढ़ की हडडी की सफल सर्जरी हुई है। मेडिकल कॉलेज के आर्थोपैडिक सर्जन डॉ. विकास मिश्र ने रीढ़ की हड्डी (थोरेसिक) टूटकर अंदर धंस गई थी। नसें दबने की वजह से मरीज को ट्रॉमेटिक पैरा प्लीजिया हो गया था। कम्प्रेशन ऑफ स्पाइनल कार्ड की पहली बार सर्जरी कर मरीज को नई जिंदगी दी है।
रायबोझा के साईंगांव निवासी नंदू 25 वर्ष 10 दिन पहले सड़क हादसे में घायल हो गया था। जांच में रीढ़ की हडडी टूटने की जानकारी हुई। जिले के कई हडडी रोग विशेषज्ञों को दिखाया गया, लेकिन सभी ने दिल्ली जाकर इलाज कराने की सलाह दी।
डॉ. विकास मिश्र ने मरीज की दो जटिल सर्जरी की
पीड़ित ने बताया कि आर्थिक तंगी की वजह से उसने कदम खींच लिया। कुछ लोगों ने मेडिकल कॉलेज के आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. विकास मिश्र से परामर्श लेने की सलाह दी। जब वे उनके पास गए तो उन्होंने तत्काल आपरेशन कर ठीक होने का हवाला दिया। एके हास्पिटल में उनकी सफल आपरेशन किया गया। डॉ. मिश्र ने बताया कि मरीज की दो जटिल सर्जरी की गई। पहली सर्जरी ‘पैडिकल स्क्रू ऐंड रॉड फिक्सेशन ऑफ स्पाइन कॉलम‘ और दूसरी ‘एंटी कम्प्रेशन ऑफ स्पाइनल कॉर्ड‘ की गई। यह दोनों सर्जरी एक साथ की गई हैं।
सर्जरी के दौरान स्पाइनल कॉर्ड को खोलकर इसपर से दबाव हटा दिया गया है। नसों पर टूटी हुई हड्डी के दबाव को कम करके पेंच और रॉड डालकर सर्जरी की गई। आपरेशन के दौरान टाइटेनियम के चार पेंच और दो रॉड डाले गए हैं। मरीज पूरी तरह से स्वस्थ है। जल्द ही उसकी छुटटी कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि जिले में यह पहला आपरेशन है।
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