अमेरिका, रूस ने यूक्रेन की समस्याओं को लेकर शुरू की वार्ता

जिनेवा। रूस और अमेरिका के शीर्ष अधिकारियों ने इस सप्ताह तीन यूरोपीय देशों में बैठकों की शुरुआत से पहले रविवार को जिनेवा में साथ रात्रिभोज किया और इस विषय पर चर्चा की। ये बैठकें ऐसे समय में होनी है, जब यूक्रेन की सीमा के निकट रूसी सेना की बढ़ती मौजूदगी के कारण अमेरिका और रूस …
जिनेवा। रूस और अमेरिका के शीर्ष अधिकारियों ने इस सप्ताह तीन यूरोपीय देशों में बैठकों की शुरुआत से पहले रविवार को जिनेवा में साथ रात्रिभोज किया और इस विषय पर चर्चा की। ये बैठकें ऐसे समय में होनी है, जब यूक्रेन की सीमा के निकट रूसी सेना की बढ़ती मौजूदगी के कारण अमेरिका और रूस के संबंधों में तनाव बढ़ गया है।
राजनयिक अधिकारियों ने बताया कि रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव और अन्य रूसी अधिकारी निरस्त्रीकरण सम्मेलन के लिए अमेरिकी राजदूत के लेक जिनेवा के सामने स्थित आवास पर बैठक के लिए रविवार शाम पहुंचे। रयाबकोव ने अमेरिका की उप विदेश मंत्री वेंडी शेर्मन और उनके दल के साथ बैठक की।
संवाद समिति ‘तास’ के अनुसार, इससे पहले रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने रविवार को बताया था कि दिन में सुरक्षा पर ”सीमित प्रारूप” वाली वार्ता का पहला दौर शुरू होगा। रविवार को अपेक्षाकृत कम औपचारिक वार्ता के बाद दोनों देशों के राजनयिकों और उनके दलों की जिनेवा स्थित अमेरिकी मिशन में सोमवार से वार्ता आरंभ होगी।
यह यूक्रेन की सीमा के पास करीब एक लाख रूसी बलों की तैनाती के कारण संबंधों में तनाव उत्पन्न होने के बाद वार्ता शुरू करने की दिशा में पहला कदम है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सरकार ने मांगों की एक सूची तैयार की है। रूस इस बात की गारंटी मांगेगा कि यूक्रेन या जॉर्जिया जैसे देशों को नाटो सैन्य गठबंधन में शामिल नहीं किया जाएगा।
हालांकि, दोनों देशों के बीच वार्ता में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण का खतरा मुख्य मुद्दा रहेगा, लेकिन दोनों देशों को यदि संबंधों में तनाव कम करना है, तो उन्हें हथियार नियंत्रण से लेकर साइबर अपराध और अन्य राजनयिक मामलों संबंधी विवादों से भी पार पाना होगा। कजाकिस्तान में रूसी बलों की हालिया तैनाती भी इस वार्ता पर असर डाल सकती है।
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने रविवार को स्पष्ट रूप से कहा था कि उन्हें आगामी सप्ताह में कोई बड़ी सफलता मिलने की उम्मीद नहीं है। उन्होंने कहा कि लघुकाल में तनाव को कम करने और भविष्य में उचित समय पर वार्ता के लिए फिर से लौटने पर सहमत होना सकारात्मक परिणाम माना जाएगा।
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