हल्द्वानी: कालाढूंगी विधानसभा सीट पर भाजपा बदल सकती है उम्मीदवार

नरेन्द्र देव सिंह, अमृत विचार, हल्द्वानी। कालाढूंगी विधानसभा सीट भाजपा के लिए सुरक्षित सीट मानी जाती है लेकिन इस बार बदले माहौल में भाजपा को इस सीट पर अपना उम्मीदवार बदलना पड़ सकता है। दरअसल भाजपा ने उत्तराखंड की सभी सीटों के लिए सर्वे कराया है और सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर ही भाजपा टिकट …
नरेन्द्र देव सिंह, अमृत विचार, हल्द्वानी। कालाढूंगी विधानसभा सीट भाजपा के लिए सुरक्षित सीट मानी जाती है लेकिन इस बार बदले माहौल में भाजपा को इस सीट पर अपना उम्मीदवार बदलना पड़ सकता है। दरअसल भाजपा ने उत्तराखंड की सभी सीटों के लिए सर्वे कराया है और सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर ही भाजपा टिकट देने का विचार कर रही है।
कालाढूंगी सीट पर सर्वे के नतीजे में सामने आया कि मौजूदा विधायक बंशीधर भगत से जनता ज्यादा खुश नहीं है। लोगों का कहना है कि वह जनता के बीच चुनाव से कुछ माह पहले ही सक्रिय हुए हैं। इस सीट पर भाजपा को सत्ता विरोधी रुझान झेलना पड़ सकता है। इसके अलावा एक अन्य पहलू भी है जो मौजूदा विधायक को टिकट न मिलने का कारण बन सकता है।
कालाढूंगी विधानसभा सीट 2012 में अस्तित्व में आई थी। तब से इस सीट पर दो बार चुनाव हो चुके हैं और दोनों बार ही बंशीधर भगत ने ही चुनाव जीता है। हालांकि उनकी जीत में कांग्रेस महासचिव महेश शर्मा का भी बड़ा योगदान रहा है। 2012 में महेश शर्मा कांग्रेस से बागी हो गए थे और दोनों बार यहां से चुनाव लड़े। पहली बार में उन्हें 11809 और दूसरी बार में 20214 वोट मिले थे। इस बार महेश शर्मा कांग्रेस में शामिल हो गए हैं और संभावना जताई जा रही है कि उन्हें कांग्रेस से टिकट मिल सकता है। ऐसे में इस बार उन्हें कांग्रेस के भी वोट पड़ेंगे। अगर ऐसा होता है तो भाजपा का सीट निकालना मुश्किल हो जाएगा।
मुख्यमंत्री से लेकर महामंत्री तक के नाम की चर्चा
कालाढूंगी सीट से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लड़ने की भी चर्चाएं हैं। अगर वह खटीमा छोड़ते हैं तो कालाढूंगी से चुनाव लड़ने की संभावना बनती है। इधर यह भी चर्चाएं हैं कि भाजपा प्रदेश महामंत्री सुरेश भट्ट को भी पार्टी आजमा सकती है। साथ ही भाजपा नेता गजराज बिष्ट और सुरेश तिवारी भी खुलकर इस सीट से चुनाव लड़ने के लिए टिकट मांग चुके हैं।