रामपुर : घाटों पर अस्ताचलगामी सूर्य को दिया पहला अर्घ्य

रामपुर, अमृत विचार। बुधवार शाम को पूरे विधि-विधान के साथ छठ पर्व मनाया गया। शाम को सूर्य को अर्ध्य देकर परिवार की खुशहाली की कामना की गई। इस पर्व के मौके पर मंदिरों के अंदर बने घाट और छठ मईया को सुदंर तरीके से सजाया गया। इस दौरान छठ मइया के गीतों पर महिलाओं ने …
रामपुर, अमृत विचार। बुधवार शाम को पूरे विधि-विधान के साथ छठ पर्व मनाया गया। शाम को सूर्य को अर्ध्य देकर परिवार की खुशहाली की कामना की गई। इस पर्व के मौके पर मंदिरों के अंदर बने घाट और छठ मईया को सुदंर तरीके से सजाया गया। इस दौरान छठ मइया के गीतों पर महिलाओं ने नृत्य भी किया। दोपहर से ही लोगों ने मंदिरों में तैयारी करना शुरू कर दी थी।
चार दिवसीय लोक आस्था के महापर्व छठ के तीसरे दिन बुधवार को व्रती महिलाओं का निर्जला व्रत जारी रहा। छठ के दूसरे दिन मंगलवार शाम को व्रतियों ने गुड़ और चावल से बनी खीर खाकर पूजा का संकल्प लिया। बुधवार शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया गया। जबकि गुरुवार की सुबह व्रती उगते सूरज को अर्घ्य देकर ही जल और अन्न ग्रहण करेंगे।
चार दिन तक चलने वाले इस महापर्व के पहले दिन लोगों ने घरों और घाटों की विशेष साफ-सफाई की। उसके बाद से 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया। छठ का निर्जल व्रत रखने वाली महिलाएं घाट पर पहुंची। यहां छिपते सूर्य को अर्ध्य दिया। पूजा-अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना की। वहीं, गांव-देहात में तालाब किनारे और बहते हुए जल के किनारे महिलाओं ने छिपते सूर्य को जल चढ़ाया। पकवान तैयार किए गए और फलों की भी पूजा-अर्चना हुई।
सुरक्षा के लिहाज से पुलिस भी रही तैनात
बिहार से आए काफी लोग इस त्योहार को धूमधाम से मनाते हैं। पिछले कई दिनों से मंदिरों से लेकर घाटों तक पर जमकर तैयारियां चल रही थीं। सोमवार से इस पर्व की शुरुआत हो गई थी। बुधवार को छिपते सूर्य को अर्ध्य देने के लिए भारी संख्या में महिलाओं का सिर पर डलिया रखकर मंदिरों और घाटों पर पहुंचना शुरू हो गया था। भीड़ को देखते हुए ज्वालानगर के पुरानी कालोनी और कृष्णा मंदिर में भीड़ अधिक होने के कारण पुलिस भी तैनात रही। इस दौरान पूजा करने के बाद लोगों ने जमकर आतिशबाजी की।