बरेली: जानलेवा हमले में रिपोर्ट लिखा गवाही दी, कोर्ट में मुकर गये भगवत सरन

विधि संवाददाता, बरेली, अमृत विचार। नवाबगंज विधानसभा क्षेत्र में 14 फरवरी 2017 को चुनाव प्रचार कर रात में वापस लौटते समय समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रहे पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार पर जानलेवा हमला हुआ था। जिस पर उन्होंने हाफिजगंज थाने में दिवंगत विधायक केसर सिंह गंगवार, उनके दोनों बेटों समेत दर्जनभर से अधिक समर्थकों …
विधि संवाददाता, बरेली, अमृत विचार। नवाबगंज विधानसभा क्षेत्र में 14 फरवरी 2017 को चुनाव प्रचार कर रात में वापस लौटते समय समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रहे पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार पर जानलेवा हमला हुआ था। जिस पर उन्होंने हाफिजगंज थाने में दिवंगत विधायक केसर सिंह गंगवार, उनके दोनों बेटों समेत दर्जनभर से अधिक समर्थकों के विरुद्ध जानलेवा हमले में रिपोर्ट दर्ज करायी थी। मुकदमे में विशेष अदालत में चल रहे ट्रायल में भगवत सरन गंगवार शुक्रवार को कोर्ट में विपक्षीगण के वकील से हुई जिरह में अपने बयान से पलट गये। एक अन्य गवाह भी अपने बयान से मुकर गया। इस वजह से नामजद लोग बरी हो गए।
विशेष न्यायालय में सुनवाई के दौरान भगवत सरन ने बीती 17 मार्च को गवाही दी थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि घटना 14 फरवरी 2017 की रात लगभग 1 बजे की है। ग्राम सुन्दरी व देशनगर के बीच हुई थी। मैं समाजवादी पार्टी से विधानसभा प्रत्याशी था। हम प्रचार करके लौट रहे थे, तभी रास्ते में भाजपा के प्रत्याशी केसर सिंह गंगवार व उनके बेटे मुनेन्द्र व विशाल अपने अन्य साथियों धर्मेन्द्र गंगवार, वीरेन्द्र सिंह, वीर सिंह, भूपराम, जीवनलाल, लाखन सिंह, किशनलाल, ओमेन्द्र, भगवान दास, प्रताप सिंह, अम्बा प्रसाद, संतोष गुप्ता, लालू समेत 10-15 अन्य लोग पहले से घात लगाये बैठे थे।
आते ही सभी ने मेरी गाड़ी को घेर लिया और गालीगलौच की, जब हथियार लहराये तो मैं व मेरा ड्राईवर गाड़ी से उतरकर भागे तो इन लोगों ने लाइसेंसी व अवैध हथियारों से जान से मारने की नीयत से हम लोगों के ऊपर फायर किये। उसी समय रविन्द्र कुमार गंगवार और सुधीर मिश्रा आ गये। इन्होंने पुलिस को सूचना दी तो पुलिस मौके पर आ गयी। इसी बीच रविन्द्र व सुधीर के साथ भी इन सभी लोगों ने लात-घूंसों व बटों से मारपीट की। पुलिस ने सभी आरोपियों को पकड़ लिया था। इसके बाद रिपोर्ट लिखाई थी।
इधर शुक्रवार को अदालत में विपक्षीगण के अधिवक्ता ने जब भगवत सरन से जिरह की तो वह अपने बयान से साफ मुकर गये। कहा कि मुझे सूचना मिली थी कि सपा व भाजपा के कार्यकर्ताओं में झगड़ा व कहासुनी हो गयी है। इस बाबत मैं गांव सुन्दरी व देशनगर के मध्य पहुंचा। वहां पर तमाम भीड़ थी जिस समय मै पहुंचा तो कोई झगड़ा नहीं हो रहा था। मैने भाजपा के प्रत्याशी व गाड़ी को आस-पास नहीं देखा था। अदालत में उपस्थित वीर सिंह, प्रताप सिंह, ओमेन्द्र कुमार, सुरेश, लाखन सिंह को मैने नहीं देखा था।
मुल्जिमों ने मेरे साथ कोई मारपीट गालीगलौच नहीं की। मौके पर मौजूद सपा कार्यकर्ताओं की बातों में आ गया था और मैने एफआईआर दर्ज करवा दी। अदालत में भी जो बयान दिया था वह भी द्वेष भावना से ग्रसित होकर दिया था। अब सही बयान दे रहा हूं। वहीं क्योलड़िया निवासी चुटहैल दूसरा गवाह रविन्द्र कुमार भी अपने बयान में पलट गया।