बरेली: दूसरे दिन भी बिजली अभियंताओ ने किया विरोध प्रदर्शन

बरेली, अमृत विचार। पावर कारपोरेशन प्रबंधन की उत्पीड़नात्मक कार्रवाइयों के विरोध एवं लंबित ज्वलन्त समस्याओं के समाधान हेतु बिजली इंजीनियरों का प्रदेशव्यापी आन्दोलन दूसरे दिन भी जारी रहा। बिजली अभियंताओं ने ध्यानाकर्षण आन्दोलन के क्रम में मंगलवार को भी दिनभर दायें बाजू पर काली पट्टी बांधकर विरोध जताया और शाम 5 बजे मुख्य अभियंता कार्यालय पर …
बरेली, अमृत विचार। पावर कारपोरेशन प्रबंधन की उत्पीड़नात्मक कार्रवाइयों के विरोध एवं लंबित ज्वलन्त समस्याओं के समाधान हेतु बिजली इंजीनियरों का प्रदेशव्यापी आन्दोलन दूसरे दिन भी जारी रहा। बिजली अभियंताओं ने ध्यानाकर्षण आन्दोलन के क्रम में मंगलवार को भी दिनभर दायें बाजू पर काली पट्टी बांधकर विरोध जताया और शाम 5 बजे मुख्य अभियंता कार्यालय पर विरोध सभा का आयोजन किया। बुधवार को शाम चार बजे से पांच बजे तक एक घंटे का कार्य बहिष्कार किया जाएगा।
अभियन्ता संघ के क्षेत्रीय सचिव रणजीत चौधरी ने बताया कि सभी बिजली अभियन्ता बेहतर उपभोक्ता सेवा प्रदान करने एवं राजस्व वसूली बढ़ाने, लाइन लॉस कम करके आत्मनिर्भर ऊर्जा निगम बनाने के लिए मुख्यमंत्री के ‘हरदम बिजली सबको बिजली’ देने के संकल्प को मूर्त रूप देने में 24 घंटे जी-जान से जुटे हुए हैं, जिसके अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। लेकिन खेद का विषय है कि कारपोरेशन प्रबन्धन द्वारा अभियन्ताओं को पदोन्नति से वंचित किये जाने के क्रम में नियमों में रातों-रात प्रतिगामी परिवर्तन कर दिये गये, जिन्हें आजतक सार्वजनिक नहीं किया गया है।
विद्युत अभियन्ता संघ के शाखा सचिव गौरव शर्मा ने कहा कि वर्ष 2000 में राज्य विद्युत परिषद के विघटन के समय कारपोरेशन का घाटा 77 करोड़ था जो विगत 20 वर्षों में ऊर्जा निगमों के कुप्रबन्धन से बढ़कर वर्तमान में 95 हजार करोड़ से अधिक हो गया है। इससे यह स्पष्ट है कि विघटन एक विफल प्रयोग रहा है। आन्दोलन के अगले चरण में 6 अक्टूबर से 8 अक्टूबर को सायं 4 बजे से 5 बजे तक 1 घण्टे का कार्य बहिष्कार कर विरोध सभायें की जायेंगी जो मुख्य अभियंता कार्यलय बरेली क्षेत्र में आयोजित होंगी।
विरोध सभा में अभियंता मुकेश कुमार, संदीप कुमार, अभिषेक कुमार, अनुज गुप्ता, पारस रस्तोगी, नील, अमित गंगवार, विपुल, पंकज भारती, उमेश सोनकर, तारिक जलील, अशोक कुमार चौरसिया, विकास सिंघल, कर्म सिंह समेत अन्य अभियंता मौजूद रहे।