बरेली: मनीषा गैस एजेन्सी संचालकों पर एफआईआर का आदेश

बरेली, अमृत विचार। एजेंसियां गैस सिलेंडरों में हेराफेरी करने से बाज नहीं आ रही है। अभी तक सिलेंडरों में गैस कम निकलने के मामले सामने आ रहे थे। अब बिना बुक कराए ही ग्राहक की सब्सिडी और उसके कोटे के सिलेंडरों में हेराफेरी के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में गैस …

बरेली, अमृत विचार। एजेंसियां गैस सिलेंडरों में हेराफेरी करने से बाज नहीं आ रही है। अभी तक सिलेंडरों में गैस कम निकलने के मामले सामने आ रहे थे। अब बिना बुक कराए ही ग्राहक की सब्सिडी और उसके कोटे के सिलेंडरों में हेराफेरी के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में गैस एजेंसी संचालक ने शिकायत करने पर कार्रवाई नहीं की और ग्राहक के साथ अभद्रता की।

इस मामले में पीड़ित शैलेन्द्र अग्रवाल की अर्जी पर एसीजेएम प्रथम की अदालत ने सुनवाई करते हुए किला थानाध्यक्ष को एजेंसी संचालकों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। प्रकरण जसौली किला स्थित मनीषा गैस एजेन्सी का है। बगैर गैस बुक कराये ही ग्राहक को सब्सिडी मिलने व उसके कोटे के सिलेंडरों में हेराफेरी की गयी। इसमें कोर्ट ने संचालकों में गांधीपुरम निवासी मनीष मेहरा और नई दिल्ली निवासी एजेन्सी पार्टनर ज्योति वर्मा के विरुद्ध किला थानाध्यक्ष को कार्रवाई के आदेश दिये हैं।

वादी के अधिवक्ता वीरेन्द्र गुप्ता ने बताया कि बगैर गैस सिलेण्डर बुक कराये ही बीती 3 मार्च को उनके मुवक्किल के मोबाइल में जनवरी-फरवरी माह में गैस सब्सिडी खाते में पहुंचने का मैसेज मिला। आरोप है कि जब एजेंसी मालिकों से इस बात की जानकारी मांगी तो उन्होंने अभद्रता करते हुए धक्का देकर भगा दिया था। अदालत ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आदेश दिया कि विपक्षीगण पर लगाये गये आरोप गंभीर हैं, यदि ग्राहक ने गैस बुक नहीं करायी तो सिलेंडर कैसे बुक हुआ और गैस की डिलीवरी कहां हुई। यह तथ्य जांच योग्य है।

गैस एजेंसी के खिलाफ पहले भी हुई हैं शिकायतें
गैस की घटतौली को लेकर एजेंसी के खिलाफ पूर्व में भी शिकायतें हुई हैं। जिस पर एजेंसी संचालक ने कार्रवाई नहीं की। कई ग्राहकों ने इंडेन अधिकारियों से भी शिकायत की। कुछ दिनों पूर्व वैज्ञानिक की शिकायत पर मनीषा गैस एजेंसी के संचालकों को इंडेन अफसरों ने फटकार भी लगायी थी। बिहारीपुर टंडन बाड़ा निवासी वरिष्ठ पत्रकार गोपाल विनोदी के पुत्र भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर, मुम्बई में कार्यरत राजपत्रित अधिकारी वैज्ञानिक अक्षत कक्कड़ ने इंडेन रिफिल में की गई घटतौली की शिकायत पर इंडेन अधिकारियों से की थी।