बरेली: करगैना आवासीय योजना के सुधारने में खर्च होंगे 10 करोड़
बरेली, अमृत विचार। रामगंगानगर आवासीय परियोजना की सफलता से उत्साहित बरेली विकास प्राधिकारण (बीडीए) अब बदायूं रोड पर लंबे समय से ठप पड़ी करगैना आवासीय परियोजना को जीवनदान देने की कोशिश में जुट गया है। यहां बड़ी संख्या में आवंटियों को आवास दिए गए थे लेकिन उसमें बड़ी संख्या में आवंटी मकानों में सुविधाओं की कमी …
बरेली, अमृत विचार। रामगंगानगर आवासीय परियोजना की सफलता से उत्साहित बरेली विकास प्राधिकारण (बीडीए) अब बदायूं रोड पर लंबे समय से ठप पड़ी करगैना आवासीय परियोजना को जीवनदान देने की कोशिश में जुट गया है। यहां बड़ी संख्या में आवंटियों को आवास दिए गए थे लेकिन उसमें बड़ी संख्या में आवंटी मकानों में सुविधाओं की कमी के चलते दूसरे के हाथों मकान बेचकर चले गए। यहां बड़ी संख्या में आवास खंडहर में तब्दील हो चुके हैं। अब इस परियोजना के लिए 10 करोड़ रुपये खर्च करने की तैयारी चल रही है।
बीडीए ने बदायूं रोड पर करगैना आवासीय योजना काफी पहले शुरू की थी। गरीबों को सस्ते आवास देने के लिए पहले चरण में 632 ईडब्ल्यूएस भवनों का आवंटन हुआ लेकिन इस परियोजना के फेल हो जाने और वहां बुनियादी सुविधाओं की कमी के चलते परेशान होकर बड़ी संख्या में आवंटियों ने आवासों को दूसरों के हाथ बेच दिया।
भवन खरीदने के बाद लोग यहां रहने भी लगे, लेकिन पूरा पैसा देने के बाद भी बीडीए ने उन्हें मालिकाना हक नहीं दिया। पूर्व बोर्ड बैठक में वहां रह रहे लोगों को मालिकाना हक दिए जाने के प्रस्ताव पर चर्चा हुई और इसे मंजूर भी किया गया था लेकिन प्रयासों की कमी के चलते इस परियोजना को लोकप्रियता नहीं मिल सकी। इधर, बीडीए उपाध्यक्ष जोगिंदर सिंह ने अभियंताओं के साथ प्राधिकरण की करगैना आवासीय योजना का स्थलीय निरीक्षण किया।
निरीक्षण में पाया कि इस आवासीय योजना में सड़कें टूटी हैं। नालियां गंदगी से जाम हैं। पार्क में झाड़ियां और ग्रिल टूटी हुई है। उपाध्यक्ष ने अभियंताओं को निर्देशित किया कि करगैना आवासीय योजना के मुख्य मार्ग सीसी रोड, योजना के आंतरिक मार्गों पर टाइल्स लगाते हुए मार्गों को ठीक कराने तथा योजना के पार्कों की बाउंड्रीवाल, ग्रिल, गेट तथा फुटपाथ बनाते हुए पार्कों के सौन्दर्यीकरण के कार्य जल्द कराए जाएं।
इसके अतिरिक्त बदायूं मार्ग पर करगैना योजना के तिराहे से जुए की पुलिया तक प्रस्तावित नाले के निर्माण कार्य में भी तेजी से कार्य कराने के निर्देश दिए। उपरोक्त कार्यों में लगभग 10 करोड़ रुपये की लागत आएगी। निर्देशित किया गया कि उक्त कार्य तीन माह के अंदर प्रत्येक दशा में पूर्ण कराये जाएं।
पूर्व में उपाध्यक्ष रहीं दिव्या मित्तल ने किए थे कई प्रयास
पूर्व में बीडीए उपाध्यक्ष रहीं दिव्या मित्तल ने योजना तैयार की थी कि ऐसे लोग जिनके पास कम से कम तीन साल का योजना के बने भवनों में रहने का प्रमाण पत्र, जिसमें वोटर आईडी, आधार कार्ड, राशन कार्ड, गैस कनेक्शन और बिजली कनेक्शन आदि की रसीद है, उसे दिखाकर आवासों का विधिवत मालिकाना हक प्राप्त कर सकते हैं लेकिन बीडीए की यह योजना परवान नहीं चढ़ सकी। इधर, बीडीए के मौजूदा उपाध्यक्ष जोगिंदर सिंह और उनकी टीम के प्रयासों का नतीजा है कि रामगंगानगर में भूखंडों से अच्छा राजस्व मिलने के साथ उसकी मांग भी बढ़ रही है। इसके बाद अब करगैना आवासीय परियोजना को भी आगे बढ़ाने की कोशिश शुरू कर दी गई है।
