रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन से हो रही कटौती के मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब

नैनीताल, अमृत विचार। उत्तराखंड में रिटायर्ड कर्मचारियों के पेंशन से हो रही कटौती के मामले पर नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान की खंडपीठ ने सख्त रुख अपनाते हुए एक बार फिर राज्य सरकार को अपना जवाब शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं, कोर्ट ने …
नैनीताल, अमृत विचार। उत्तराखंड में रिटायर्ड कर्मचारियों के पेंशन से हो रही कटौती के मामले पर नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान की खंडपीठ ने सख्त रुख अपनाते हुए एक बार फिर राज्य सरकार को अपना जवाब शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं, कोर्ट ने कहां है कि किसी भी कर्मचारी की पेंशन से कटौती नहीं की जा सकती है। वही कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि क्या अब भी सरकार कर्मचारियों की पेंसन से कटौती करेगी जिस पर जवाब सोमवार तक कोर्ट में पेश करे।
आपको बता दे कि देहरादून निवासी गणपत सिंह बिष्ठ व अन्य ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि राज्य सरकार ने स्वाथ्य बीमा के नाम पर उनकी अनुमति के बिना 21 दिसम्बर 2020 को एक साशनादेश जारी कर उनकी पेंशन से अनिवार्य कटौती 1 जनवरी 2021 से शुरू कर दी है।याचिकर्ताओ का कहना है कि यह उनकी व्यक्तिगत सम्पति है सरकार इस पर इस तरह की कटौती नही कर सकती।
यह असवैधानिक है। पूर्व में यह व्यवस्था थी कि कर्मचारीयो का स्वाथ्य बीमा सरकार खुद वहन करती थी परन्तु अब सरकार उनके पेंशन से स्वाथ्य बीमा के नाम पर हर महीने पैंसा काट रही है। लिहाजा इस सम्बंध में जारी पूर्व व्यवस्था को लागू किया जाय।