CM पद से इस्तीफा देने के बाद बोले नीतीश, ‘सबकी इच्छा थी कि NDA छोड़ दो’

CM पद से इस्तीफा देने के बाद बोले नीतीश, ‘सबकी इच्छा थी कि NDA छोड़ दो’

पटना: बिहार में एक बार फिर बड़ा सियासी उलटफेर हो गया है। जहां मंगलवार को नीतीश कुमार ने CM पद से इस्तीफा दे दिया है। जदयू नेता नीतीश कुमार ने राजभवन में राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात कर उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा है। इस्तीफा देने के बाद नीतीश कुमार पटना में राबड़ी देवी के आवास …

पटना: बिहार में एक बार फिर बड़ा सियासी उलटफेर हो गया है। जहां मंगलवार को नीतीश कुमार ने CM पद से इस्तीफा दे दिया है। जदयू नेता नीतीश कुमार ने राजभवन में राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात कर उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा है। इस्तीफा देने के बाद नीतीश कुमार पटना में राबड़ी देवी के आवास पहुंचे।

नीतीश कुमार ने कहा कि सभी सांसद और विधायक इस बात पर सहमत हुए कि हमें NDA छोड़ देना चाहिए। इसके तुरंत बाद मैंने बिहार के CM पद से इस्तीफा दे दिया। दोनों सदनों के सांसद सारे विधायक और विधानपार्षद से सारी मीटिंग आज हुई। सभी की इच्छा यही थी की हमें NDA छोड़ देना चाहिए। तो जैसी सबकी इच्छा थी हमने उसी को स्वीकार कर लिया और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।

राजद सूत्रों ने बताया कि जद (यू) नेता नीतीश कुमार ने राजद के तेजस्वी यादव से कहा, 2017 में जो हुआ उसे भूल जाएं और एक नया अध्याय शुरू करें। लेकिन, पटना में जद (यू) मुख्यालय में ‘नीतीश सबके हैं’ पोस्टर लगा हुआ दिखा। नीतीश कुमार के NDA छोड़ने के बाद राजद के साथ उन्होंने गठबंधन किया है।

केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता आर. के. सिंह ने कहा कि ये हमारे राज्य का दुर्भाग्य है, 15 साल राजद की सरकार रही, वे (जदयू) पहले भी राजद के साथ गए थे फिर वापस आए, अब फिर से उनके साथ जा रहे हैं। इसमें बिहार की भलाई नहीं नहीं है। ये विकास की नहीं सत्ता की राजनीति हो रही है।

बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि BJP ने 74 सीट जीतेने के बाद भी वादे के मुताबिक नीतीश कुमार को NDA गठबंधन का CM बनाया था। यह बिहार की जनता और BJP के साथ धोखा है, जनता के फैसले का उल्लंघन है। बिहार की जनता इसे बर्दाशत नहीं करेगी।

बिहार में जेडीयू द्वारा बीजेपी से गठबंधन खत्म करने का एलान करने के बाद राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने तेजस्वी यादव की तस्वीर वाला पोस्टर ट्वीट किया जिसमें लिखा है, लोकतंत्र बचाओ का नारा है, जन समर्थन इशारा है बिहार में बदलाव का।

बिहार में जेडीयू और बीजेपी के गठबंधन के टूटने के बाद हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (एचएएम) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने बिना किसी शर्त के जेडीयू और आरजेडी के महागठबंधन को समर्थन देने की घोषणा की है। इससे पहले नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी।

केंद्रीय मंत्री और आरएलजेपी अध्यक्ष पशुपति पारस ने बिहार में जेडीयू और आरजेडी के गठबंधन को लेकर कहा है, “पहले भी आरजेडी और जेडीयू ने एक प्रयोग किया था लेकिन वे लंबे समय तक एकसाथ नहीं रह सकते हैं।” उन्होंने कहा, “एक बार फिर ऐसा (आरजेडी-जेडीयू) गठबंधन आ रहा है, यह बिहार के विकास के लिए अच्छा संकेत नहीं है।”

कांग्रेस नेता हरीश रावत ने बिहार में बीजेपी-जेडीयू गठबंधन टूटने पर कहा है, “जिस-जिस ने किया भाजपा पर भरोसा, भाजपा ने उसको धोखा दिया और पार्टी को बर्बाद किया…महबूबा मुफ्ती, प्रकाश सिंह बादल, शिवसेना और अब नीतीश कुमार।” उन्होंने ट्वीट किया, “मगर नीतीश कुमार जी अच्छा जवाब देंगे…उन्होंने बता दिया कि यदि तुम डाल-डाल हो, तो मैं पात-पात हूं।”

बिहार में जेडीयू-बीजेपी गठबंधन टूटने के बाद लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने मंगलवार को कहा कि बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू होना चाहिए और फिर से चुनाव होने चाहिए। उन्होंने कहा, आज नीतीश कुमार की विश्वसनीयता शून्य है…आपकी (नीतीश कुमार) कोई विचारधारा है या नहीं? बकौल चिराग, अगले चुनाव में जेडीयू को 0 सीटें मिलेंगी।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बिहार में जेडीयू-बीजेपी गठबंधन टूटने पर कहा है कि यह एक अच्छी शुरुआत है। उन्होंने कहा, “आज ही के दिन अंग्रेज़ों भारत छोड़ो का नारा दिया गया था और…आज ही बिहार से बीजेपी भगाओ’ का नारा आ रहा है…मुझे लगता है कि…जल्द ही अन्य राजनीतिक दल और विभिन्न राज्यों के लोग…बीजेपी के खिलाफ खड़े होंगे।

ये भी पढ़ें- सियासी सफलता की पलटी मारने में माहिर नितीश कुमार, हर बार LS चुनाव से पहले जागती है अंतरात्मा