Exclusive: त्रिकोणीय मुकाबले में फंसी केंद्रीय मंत्री भानु प्रताप की हैट्रिक; सपा व बसपा से मिल रही कड़ी चुनौती...

Exclusive: त्रिकोणीय मुकाबले में फंसी केंद्रीय मंत्री भानु प्रताप की हैट्रिक; सपा व बसपा से मिल रही कड़ी चुनौती...

जामवंत सिंह, जालौन। बुंदेलखंड की जालौन- गरौठा- भोगनीपुर संसदीय सीट को हॉट सीट माना जाता है। इसकी वजह है केंद्रीय मंत्री भानु प्रताप वर्मा का यहां से मैदान में होना। भानु प्रताप वर्मा जहां जीत की हैट्रिक लगाने के लिए पसीना बहा रहे हैं तो सपा के नारायण दास अहिरवार और बसपा के सुरेश चंद्र उन्हें रोक कर सांसद बनने के लिए  उनकी क्षेत्र में गैर मौजूदगी को मुद्दा बना रहे हैं। 

भाजपा भी यहां मोदी की गारंटी और लाभार्थीपरक योजनाओं के सहारे जीत सुनिश्चित करने में जुटी है । जल्द ही यहां कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव संयुक्त रूप से रैली को संबोधित कर सकते हैं। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित जालौन संसदीय सीट पर इस बार भानु प्रताप वर्मा के लिए जीत आसान नहीं दिख रही है। वे कड़े मुकाबले में फंस गए हैं। 

कालपी, माधौगढ़, भोगनीपुर और गरौठा पांच विधानसभा सीटें इस लोकसभा क्षेत्र में आती हैं। भोगनीपुर सीट कानपुर देहात तो गरौठा सीट झांसी जिले में है। शेष तीनों सीटें जालौन जिले की हैं। विधानसभा चुनाव में भाजपा को चार सीटों पर जीत मिली थी। कालपी सीट पर सपा के विनोद चतुर्वेदी ने जीती थी। समाजवादी पार्टी ने इस सीट को जीतने के लिए बसपा के कद्दावर नेता एवं पूर्व मंत्री रहे नारायद दास अहिरवार को चुना है। 

बसपा नेतृत्व से अनबन होने के बाद अहिरवार सपा में चले गए थे और लगातार क्षेत्र में बने हुए थे। मुख्य मुकाबला भी इस सीट पर सपा और भाजपा उम्मीदवार के बीच दिख रहा है। हालांकि बसपा की कोशिश है कि सपा- भाजपा की लड़ाई में उसका उम्मीदवार बाजी मार ले। वैसे इस सीट पर 1999 में बसपा के बृजलाल खाबरी जीत चुके हैं। 

2009 में सपा के घनश्याम अनुरागी यहां से सांसद बने थे। खाबरी अब कांग्रेस में हैं और वे प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं। इस सीट से वे टिकट के दावेदार भी थे लेकिन गठबंधन की वजह से सीट सपा के हिस्से में गई तो चुनाव लड़ने का उनका सपना टूट गया। हालांकि गठबंधन उम्मीदवार की जीत के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं और क्षेत्र में बने हुए हैं।

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