Good news: मवैया झील में होगी बोटिंग, किनारे पर महकेंगे फूल-बनेगा पिकनिक स्पॉट
अमृत योजना से 20 करोड़ खर्च कर नगर निगम करा रहा झील का सौंदर्यीकरण
गोपाल सिंह/ अमृत विचार, अमृत विचार। रायबरेली रोड के हैबतमऊ मवैया झील से अतिक्रमण हट चुका है। अमृत योजना से नगर निगम झील का सौंदर्यीकरण करा रहा है। झील में नौकाविहार (बाेटिंग) कराया जाएगा और किनारों पर फूलों की क्यारियां लगाकर सुगंध बिखेरी जाएगी। पर्यटकों के टहलने के लिए पाथवे और बैठने के लिए बेंच भी लगाई जाएंगी।
हैवतमऊ मवइया स्थित झील को पाटकर लोगों ने मकान और चहारदीवारी बनाकर अतिक्रमण कर लिया था। झील का बचा हिस्सा गंदगी से पटा था। इससे उठने वाले दुर्गंध से लोग परेशान थे।क्षेत्रीय लोगों ने अतिक्रमण और गंदगी की शिकायत मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब से की। मंडलायुक्त के निर्देश पर जिला प्रशासन और नगर निगम ने झील से अतिक्रमण हटाया। नगर निगम ने अमृत योजना से झील का सौंदर्यीकरण करा रहा है। इस पर करीब 20 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
पांच हेक्टेयर में झील का निर्माण कर पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित किया जा रहा है। झील के चारों पर्यटकों को टहलने के लिए पाथवे और बैठने के लिए बेंच लगाई जाएंगी। चारों ओर बगीचे और फुलों की फुलवारी बनेंगी। बच्चों के खेलने के लिए पार्क बनाकर झूले लगाए जाएंगे। अत्याधुनिक प्रकाश व्यवस्था की जाएगी, ताकि शाम को भी लोग झील के किनारे घूम सकें। झील के सौंदर्यीकरण से लखनऊ-रायबरेली हाईवे के आसपास रहने वाली पांच लाख की आबादी को मिलेगा। शहर के अन्य लोग भी वहां जाकर घूम सकेंगे। झील के पास पार्किंग के अलावा शौचालय भी बनाए जाएंगे।
एसटीपी बनने से मिलेगी जलभराव से निजात
झील में अतिक्रमण के कारण जलभराव की समस्या भी थी। बारिश में हैवतमऊ मवैइया सहित आस-पास घुटनों तक गंदा पानी भर जाता था। इससे निजात के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) भी बनाया जा रहा है। घरों के सीवेज और नालियों का पानी नाले के सहारे एसटीपी तक पहुंचाया जाएगा। गंदे पानी का शोधन कर इसका इस्तेमाल पार्क और झील किनारे लगे पेड़ पौधों की सिंचाई में किया जाएगा।
बनेगा बेहतरीन पिकनिक स्पॉट
हैवतमऊ मवइया झील एक बेहतरीन पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित होने जा रही है। कमिश्नर के निर्देश पर अमृत योजना के अंतर्गत 20 करोड़ रुपये की लागत से सौंदर्यीकरण का काम शुरू हो गया है। झील में वोटिंग, टहलना, सैर-सपाटे और बच्चों के लिए तमाम व्यवस्थाएं की जा रही हैं। लगभग दो महीने में मुख्य कार्य पूरे करा लिया जाएंगे। सबकुछ ठीक रहा तो जुलाई तक लोगों के लिए इसे खोल दिया जाएगा। महेश वर्मा, मुख्य अभियंता, लखनऊ नगर निगम
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