Bareilly News: नगर निगम के अधिवक्ता पर कोर्ट नाराज, अपील निरस्त
बरेली, अमृत विचार। अपर सत्र न्यायाधीश ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने नगर निगम बनाम स्व. शकील अहमद आदि की सिविल अपील निरस्त कर दी। साथ ही नगर आयुक्त को पत्र भेजकर निगम के अधिवक्ता के आचरण से अवगत कराया है। पत्र में उल्लेख किया कि निगम के पैरवीकार ने कोर्ट को अवगत कराया कि उनके वरिष्ठ वकील लंच बाद बहस को आएंगे। जब सीनियर एडवोकेट बहस के लिए कोर्ट में आए तो प्रकरण से अंजान थे।
उनके जूनियर और पैरवीकार की ओर से मामले की जानकारी कोर्ट के समक्ष उन्हें दी जाने लगी तो अदालत ने पीछे बैठकर प्रकरण का अध्ययन करने का निर्देश दिया। निगम के अधिवक्ता थोड़ी देर कोर्ट में रहकर वहां से चले गए। पौने चार बजे जूनियर अधिवक्ता ने बताया कि वरिष्ठ अधिवक्ता जा चुके हैं। कोई अन्य तारीख दे दी जाए।
कोर्ट ने पत्रावली के अवलोकन से पाया कि लगभग 10 वर्षों से संपूर्ण कार्यवाही निगम की कार्यप्रणाली की भेंट चढ़ती रही। पुनर्स्थापना वाद में जूनियर वकीलों की ओर से बहस की जाती रही। कोर्ट ने निगम को मुकदमों की पैरवी के लिए गंभीर अधिवक्ता को नामित करने का सुझाव दिया। इस संबंध में पत्र की कॉपी डीएम को भी भेजी गई है। वहीं, इस केस में अधिवक्ता ने बताया कि वह अदालत गए थे, अर्जी भी दी थी। उन्हें कोर्ट के आदेश की जानकारी नहीं है।
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