शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए लखनऊ के सरकारी स्कूलों में BEO ने शुरू की अनोखी पहल, 15 हजार बच्चे शामिल

 शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए लखनऊ के सरकारी स्कूलों में BEO ने शुरू की अनोखी पहल, 15 हजार बच्चे शामिल

अमृत विचार लखनऊ:  बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए राजधानी के सरकारी विद्यालयों से अनोखी पहल शुरू हुई है। निपुण लक्ष्य से एक कदम और आगे चलकर अब बच्चों का मासिक आकलन टेस्ट शुरू किया गया है। पहली बार शुरू हुई इस तरह की व्यवस्था से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के बारे में पता चल सकेगा कि उनकी हर दिन की क्या प्रगति है। 

सरोजनी नगर ब्लाक से शुरू हुए इस मासिक टेस्ट में बुधवार को 15 हजार बच्चे एक साथ शामिल हुए। ये टेस्ट शैक्षिक सत्र 2024-25 के क्रम में 1 से 30 अप्रैल तक पढ़ाये गये पाठ्यक्रम से लिया गया। इस टेस्ट के बाद जो परिणाम आयेगा उसके आधार पर आगे की पढ़ाई शुरू की कराई जायेगी। जिन बच्चों का परिणाम कमजोर होगा उन पर शिक्षकों को और मेहनत करने के निर्देश दिए जायेंगे। ये प्रक्रिया अब हर माह चलती रहेगी। 

विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का लक्ष्य

सरोजनी नगर ब्लाक में 193 सरकारी विद्यालयों का संचालन किया जाता है। इसमें पढ़ने वाले हजारों बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता बेहतर करने के लिए ये नया प्रयोग किया गया है। हर माह टेस्ट लेने की प्रक्रिया भी नई है पहले ये विद्यालयों में व्यवस्था नहीं थी। ब्लाक के खंड शिक्षा अधिकारी आरपी यादव की ओर से हुई इस पहल को शिक्षकों ने भी एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।

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आरपी यादव खंड शिक्षा अधिकारी सरोजनी नगर ब्लाक लखनऊ

 

" प्रत्येक माह बच्चों का टेस्ट लेने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए सभी शिक्षकों और एआरपी व एसआरजी को भी निर्देश दिए थे। बुधवार को पहली बार इस विद्यालयों में मासिक टेस्ट का आयोजन किया गया है। हमारा लक्ष्य है कि ब्लाक के सभी विद्यालयों की शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार हो "
आरपी यादव खंड शिक्षा अधिकारी सरोजनी नगर

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