सीतापुर: लीकेज सिलेंडर बदलने से कबाड़ मंडी में लगी थी आग

सीतापुर: लीकेज सिलेंडर बदलने से कबाड़ मंडी में लगी थी आग

सीतापुर,अमृत विचार। बिसवां कोतवाली इलाके में स्थित वाहनों की अवैध कबाड़ मंडी में शुकव्रार को लगी आग अपने पीछे बहुत सारे सवाल छोड़ गई है। पुलिस और तहसील प्रशासन की नाक के नीचे करीब एक साल से अवैध कबाड़ मंडी संचालित थी लेकिन जिम्मेदारों ने इसके मानकों और कागजों को जांचने की जहमत तक नहीं उठाई। लिहाजा शुक्रवार को लगी आग से कई किलोमीटर तक उठे धुएं का गुब्बार ने पुलिस और प्रशासन की नींद उड़ा कर रख दी है। हादसे के बाद जगी बिसवां पुलिस ने शनिवार को कबाड़ मंडी में स्थापित दुकानदारों के कागजों को जांच पड़ताल कर मानकों को पूरा करने के बाद मंडी संचालित करने के निर्देश दिए। 
                                                                 
बताते चले कि क्षेत्र के सरैया माफ़ी गांव के करीब एक वर्ष से सभी मानकों को ताक पर रखकर अवैध रूप से वाहनों की कबाड़ मंडी संचालित हो रही थी। मंडी से करीब 5 किलोमीटर दूर स्थित थाना और तहसील प्रशासन सहित फायरब्रिगेड के अफसरों ने मंडी के मानक और आग लगने से उपकरणों की जांच करने की जहमत तक नहीं उठाई। नतीजतन शुक्रवार को अचानक लगी कबाड़ मंडी में आग से 12 चलित चार पहिया वाहनों सहित आधा सैकड़ा वाहन और स्पेयर्स पार्ट जलकर ख़ाक हो गये। जानकारों की माने तो शुक्रवार को आग लगने की बड़ी वजह लीकेज सीएनजी गैस का सिलेंडर बदलना बताया जा रहा है। आग लगने के बाद करीब ढाई घंटों तक फायर कर्मियों को तीन जगहों से गाड़ियां मंगवाकर आग पर काबू पाना पड़ा। इस आग में 5 लाख से अधिक रुपयों की कीमत का सामान जलकर बर्बाद हो गया, लेकिन कबाड़ व्यापारी महज दो से ढाई लाख के नुकसान की बात कह रहे है। 

शनिवार को थाने में बातचीत के बाद पुलिस ने कबाड़ व्यापारियों को मानकों को पूरा करने के बाद उपरांत ही मंडी को संचालित करने के निर्देश दिए है। पुलिस अगर यह कार्रवाई एक साल पहले मंडी स्थापित होने के दौरान कर लेती तो आग से उठे सवालों में उसे झुलसना नहीं पड़ता। तहसील प्रभारी उपजिलाधिकारी मनीष कुमार से ज्ब उनके सीयूजी नंबर पर जानकारी के लिए फ़ोन किया गया तो उनका फ़ोन नहीं उठा।

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