बाराबंकी: जिम्मेदारों की शिथिलता से 20% प्रतिशत अमृत सरोवरों का भी नहीं हो सका निर्माण

बाराबंकी: जिम्मेदारों की शिथिलता से 20% प्रतिशत अमृत सरोवरों का भी नहीं हो सका निर्माण

बाराबंकी, अमृत विचार। अमृत विचार जनसरोकार से जुड़े मुद्दों को अपने पाठकों व प्रशासनिक तंत्र तक पहुचाने के लिए अभियान चला कर आम जनमानस से जुड़ी तमाम समस्याओं को उठाता रहा है। उसी कडी़ मे अमृत विचार ने सरकार की महत्वाकांक्षी योजना अमृत सरोवरों के विकास, उसके सौन्दर्यीकरण व जल भराव की स्थितियों की पड़ताल की। बीते साल सरकार की मंशा के अनुरूप जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासनिक तंत्र ने अमृत सरोवरों के निर्माण और उसे स्थानीय स्तर पर पर्यटन स्तर पर विकसित करने को लेकर काफी गम्भीरता दिखाई। मगर समय बीतने के साथ ही अमृत सरोवरों के निर्माण की गति मंद पड़ती गई। सरोवरों के निर्माण के पीछे सरकार की मंशा थी कि भीषण गर्मी और लू में पशु पक्षियों को जहां प्यास बुझाने को पानी मिल सकेगा। वहीं अमृत सरोवरों के किनारे लगाये गए पुष्प और पेड़ों के लगने से आसपास के ग्रामीण को एक प्राकृतिक वातावरण मिल सकेगा।

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रामसनेही घाट तहसील में 109 अमृत सरोवरों को विकसित करने का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता व प्रशासनिक तंत्र की गैरजिम्मेदराना कार्य शैली से अभी तक महज पन्द्रह से बीस प्रतिशत कार्य ही धरातल पर दिखाई पड़ रहा है। अमृत विचार की टीम ने जब जमीनी हकीकत जानने की कोशिश की तो सरकारी आंकड़े सिर्फ कागजों तक ही सिमटे पाये गये।अमृत विचार के रिपोर्टर रिशु गुप्ता व विकास पाठक ने जो देखा हूबहू अपने पाठकों के बीच रखने की कोशिश की और जिम्मेदारों को जगाने का प्रयास किया। 

प्रस्तुत है रिशू गुप्ता व विकास पाठक की रिपोर्ट--

रामसनेही घाट तहसील में 109 अमृत सरोवरों का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। अकेले बनीकोडर विकास खंड में 51 अमृत सरोवरों का चयन किया गया था। जिनमें महज 38 सरोवरों में काम तो शुरू हुआ, लेकिन उनमें से लगभग सभी आधे-अधूरे पड़े हैं। जबकि 13 अमृत सरोवरों का कार्य निर्माणाधीन है। कुछ सरोवर तो इतने बेहतरीन तरीके बनाये गये हैं कि वह जिले के लिए आदर्श नजीर पेश करते दिखे। विशेषज्ञों का कहना है कि जल संचयन को लेकर भी अमृत सरोवरों का विशेष महत्व है। 

केस -1
रामसनेही घाट तहसील के विकास खंड बनीकोडर की ग्राम पंचायत सलेमपुर में सरोवर का काम अधर में लटका है। यह निर्माणाधीन सरोवर पूरी तरह से सूखा पड़ा है। हलांकि अभी यहां काम हो रहा है, लेकिन जिस गति से हो रहा है उससे तो यही लगता है कि निर्माण वर्षा ऋतु खत्म होने के बाद तक चलता रहेगा। 

केस -2 
बनीकोडर के टिकरा ग्राम पंचायत के खेवराजपुर गांव किनारे बन रहे अमृत सरोवर में पानी का अकाल दिखा। सरोवर पूरी तरह से सूखा है। हालांकि सरोवर की पटरियों पर पक्की बेंच लगी हैं। रैंप सीढ़ियां भी बनी हैं। मौके पर गेट खुला मिला। अमृत सरोवर चिन्हांकन बोर्ड पर ग्राम पंचायत का नाम व कार्य आईडी मौजूद मिली, किंतु बोर्ड में कार्य की लागत और कार्य क्षेत्रफल नदारद मिला।

केस -3
विकास खंड बनीकोडर की ग्राम पंचायत रामपुर में सड़क किनारे अमृत सरोवर पूरी तरह से सूखा दिखाई दिया। अमृत सरोवर चिन्हांकन बोर्ड में पंचायत का नाम व आईडी मौजूद रही, किंतु लागत का जिक्र नहीं मिला। सरोवर बांध पर खड़ंजा व रैंप एवं सीढियां मौजूद है। अमृता सरोवर में झड़िया उगी मिलीं। 

केस-4 
ब्लॉक बनीकोडर के ही ग्राम पंचायत जयचंदपुर में बना अमृत सरोवर भी सूखा दिखा। आस- पास के पेड़ों पर मौजूद पक्षियों के हलक सूख रहें हैं। देखा जाए तो अमृत सरोवर महज कागजी सरोवर बन कर रह गया है। हालात सूखे से भी बद्तर हैं।

केस-5
पड़ताल में विकास खंड बनीकोडर के फतेहगंज  गांव में बने अमृत सरोवर की खूबसूरती सबसे अलग दिखी। यहां पर अमृत सरोवर में ही प्रधान ने एक मंदिर की स्थापना भी कराई है। जहां पर लोग दर्शन करने के साथ-साथ अमृत सरोवर का आनंद लेने आते हैं।

अमृत सरोवरों को लेकर जिला प्रशासन गंभी है। जल्द ही सभी अमृत सरोवर में पानी भरवाया जाएगा। जो सरोवर किसी कारण अधूरे पडे़ हैं। उसकी भी जांच करा कर कार्य को तेजी के साथ कराया जाएगा। बारिश से पहले सभी काम पूरे करा लिये जाएंगे..,डॉ. विनय कुमार मिश्रा, बीडीओ, ब्लॉक बनीकोडर।