उप्र: मैनपुरी में ईशन नदी को पुनर्जीवित करने का कार्य शुरू

उप्र: मैनपुरी में ईशन नदी को पुनर्जीवित करने का कार्य शुरू

मैनपुरी। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में वर्षों से अपने मूल स्वरूप को खो चुकी ईशन नदी को पुनर्जीवित करने का बीड़ा जिलाधिकारी महेन्द्र बहादुर सिंह ने उठाया है। इससे पूर्व भी कई बार नदी ईशन नदी अभियान को लेकर समाजसेवी सक्रिय रहे लेकिन मुकाम तक यह अभियान कभी न पहुंच सका। हालांकि इस बार ईशन …

मैनपुरी। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में वर्षों से अपने मूल स्वरूप को खो चुकी ईशन नदी को पुनर्जीवित करने का बीड़ा जिलाधिकारी महेन्द्र बहादुर सिंह ने उठाया है। इससे पूर्व भी कई बार नदी ईशन नदी अभियान को लेकर समाजसेवी सक्रिय रहे लेकिन मुकाम तक यह अभियान कभी न पहुंच सका। हालांकि इस बार ईशन नदी के लिए भागीरथ बने महेन्द्र बहादुर सिंह के सफल प्रयासों से 74 किलोमीटर लम्बी नदी को पुनर्जीवित करने का कार्य साकार रूप ले रहा है। ईशन नदी का पानी मैनपुरी आज पहुंचा।

जिला पंचायत राज अधिकारी ने आज मौके पर पहुंच कर जिलाधिकारी को यह खुश खबरी सुनाई। जिलाधिकारी ने जिला पंचायत राज अधिकारी स्वामी दीन की तारीफ करते हुए ईशन नदी को पुनर्जीवित करने के कार्य मे जुड़े सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और जनता के लोगों को बधाई दी है। ईशन नदी को मूल स्वरूप में वापस लाने के प्रयास में पंचायत राज विभाग की महती भूमिका है। कैनाल विभाग भी इस कार्य में कार्य कर रहा है।

जिलाधिकारी ने बताया कि ईशन नदी के पानी को अविरल रूप से बहने के कार्य को सुगम करने के उद्देश्य से कई स्थानों पर चैकडेम का निर्माण कराया गया है। ईशन नदी पर पिकनिक स्पाॅट भी डेबलेप किये जाने का कार्य किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त मैनपुरी जिले की विलुप्त हो चुकी एक और नदी को भी जिलाधिकारी ने खोज निकाला है। उन्हाेंने बताया कि पूर्व समय में काॅक नदी जिले में अविरल बहती थी परन्तु उपेक्षाओं के चलते वह विलुप्त हो गई और उसकी पहचान भी लोग भूल गए।

जिलाधिकारी ने बताया कि ईशन नदी को पुनर्जीवित करने का कार्य अंतिम चरण में है। मैनपुरी शहर तक ईशन नदी का पानी पहुंच गया है। जगह.जगह चैकडेमों का निर्माण भी कराया गया है। इस कार्य को अंतिम रूप तक ले जाने के लिए वह संकल्पित हैं । उन्होंने बताया कि इस कार्य को अंतिम रूप तक ले जाने के लिए संकल्पित हैं ईशन नदी के कार्य को करते समय लोगों द्वारा काॅक नदी के बारे में भी उन्हें बताया गया। तब उन्होंने इसकी खोजबीन कराई।

उन्होंने बताया कि खोजबीन के दौरान काॅक नदी भी खोज निकाली गई है और यह नदी विकास खण्ड मैनपुरी में रूपपुर भरतपुर गांव के पास ईशन नदी में मिलती है। नदियों को संरक्षित करने और उन्हें उनके मूल स्वरूप में लाने के इस बड़े कार्य में सभी का सहयोग लिया जा रहा है। पंचायत राज विभाग द्वारा ईशन नदी को मूल स्वरूप लाने के कार्य में लगातार सहयोग किया जा रहा है।

जिला पंचायत राज अधिकारी स्वामीदीन ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देशन में शुरू हुए “हमार बचपन हमार नदी” ईशन नदी अभियान शुरूआत घिरोर विकास खण्ड के नसीरपुर ग्राम से शुरू हुई। नसीरपुर से ईशन नदी, बुढर्रा से ईशन नदी, नगला वंशी से नगला बख्ती होते हुए नगला सलेही तक चार रजवाहे पंचायत राज विभाग द्वारा खुदवाये गये। जिसके माध्यम से हजारा नहर का पानी ईशन नदी तक पहुंच सका।