उन्होंने बताया कि उन्हें न्यूमरोलोजी में भी बहुत ही intrest था इसलिए नुसरत ने अपने नाम में बदलाव किया था, नाम में तीन अक्षर के बदलने से उनके जीवन में बदलाव आया था।
आगे उन्होंने बताया कि घर में न्यूमरोलोजी के बारे में कोई बात नहीं होती थी 'मैं बचपन से ही हिन्दू मंदिर और गुरूद्वारे जाया करती थी'
नुसरत ने बताया कि वो साल 2024 में पहली बार केदारनाथ के दर्शन के लिए गयी थी और उन्होंने बद्रीनाथ के दर्शन भी किये।