15 जून 1964

बाबा नीब करोली ने 15 जून 1964 को कैंची धाम में हनुमान जी की प्रतिमा की प्रतिष्ठा की थी। इस दिन यहां आना श्रेष्ठ माना जाता है।

वर्ष 1961 में पहली बार बाबा यहां आये

बाबा नीब करौरी 1961 में पहली बार यहां आए और उन्होंने अपने पुराने मित्र पूर्णानंद जी के साथ मिल कर यहां आश्रम बनाने का विचार किया था।

देशी घी में तब्दील हो गया पानी

कैंची धाम में एक बार भंडारे के दौरान घी की कमी पड़ गई थी। बाबा ने कहा कि नीचे बहती नदी से पानी भरकर लाएं, उसे प्रसाद बनाने हेतु जब उपयोग में लाया गया तो वह पानी घी में बदल गया।

फेसबुक, एप्पल के मालिक भी कैंची धाम में अपनी अर्जी लगा चुके है, वह बाबा नीम करोली को अपना गुरु मानते हैं

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