वेंकैया नायडू बोले- भ्रष्टाचार ने लोकतंत्र के हृदय को लहूलुहान किया है

वेंकैया नायडू बोले- भ्रष्टाचार ने लोकतंत्र के हृदय को लहूलुहान किया है

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने रविवार को कहा कि भ्रष्टाचार ने लोकतंत्र के हृदय को लहूलुहान कर रखा है और उन्होंने इसके प्रति कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाने की अपील की। उन्होंने भ्रष्टाचार के दोषी असैन्य नौकरशाहों और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत कड़ी एवं समयबद्ध कार्रवाई की …

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने रविवार को कहा कि भ्रष्टाचार ने लोकतंत्र के हृदय को लहूलुहान कर रखा है और उन्होंने इसके प्रति कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाने की अपील की। उन्होंने भ्रष्टाचार के दोषी असैन्य नौकरशाहों और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत कड़ी एवं समयबद्ध कार्रवाई की जरूरत पर जोर दिया।

नायडू ने नौकरशाहों के भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों के त्वरित निष्पादन पर भी जोर दिया। साथ ही उपराष्ट्रपति ने चेतावनी दी कि जो अधिकारी उचित कार्रवाई करते हैं उन्हें हतोत्साहित नहीं करना चाहिए या उनका उत्पीड़न नहीं किया जाना चाहिए। उपराष्ट्रपति सचिवालय की तरफ से जारी बयान के अनुसार कि भ्रष्ट असैन्य नौकरशाहों से कड़ाई से निपटा जाना चाहिए लेकिन हमें जनहित में अधिकारियों को साहसिक फैसले लेने से हतोत्साहित नहीं करना चाहिए।

नायडू ने ये बातें पूर्व कैबिनेट सचिव और झारखंड के पूर्व राज्यपाल प्रभात कुमार की पुस्तक के विमोचन के अवसर पर कही। उपराष्ट्रपति ने कहा कि ईमानदार असैन्य नौकरशाहों की उपलब्धियों का जश्न मनाने और उनके योगदान को सराहने की भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह न केवल युवा अधिकारियों के लिए प्रोत्साहन होगा बल्कि वे और अच्छा कार्य करने के लिए प्रेरित होंगे।

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