गाजियाबाद: वैशाली से मोहन नगर मेट्रो प्रोजेक्‍ट पर लग सकता है विराम, जानें वजह

गाजियाबाद। वैशाली से मोहन नगर तक मेट्रो प्रोजेक्‍ट पर विराम लग सकता है। इस प्रोजेक्‍ट में पिछले तीन सालों से काम चल रहा है। इसका मुख्‍य कारण मेट्रो की तुलना में रोपवे प्रोजेक्‍ट पर तीन गुना कम लागत आ रही है। हालांकि‍ वैशाली से मोहननगर पर दो बार डीपीआर भी तैयार हो चुका है, लेकिन …

गाजियाबाद। वैशाली से मोहन नगर तक मेट्रो प्रोजेक्‍ट पर विराम लग सकता है। इस प्रोजेक्‍ट में पिछले तीन सालों से काम चल रहा है। इसका मुख्‍य कारण मेट्रो की तुलना में रोपवे प्रोजेक्‍ट पर तीन गुना कम लागत आ रही है। हालांकि‍ वैशाली से मोहननगर पर दो बार डीपीआर भी तैयार हो चुका है, लेकिन फंडिंग पैटर्न तय न होने की वजह से यह प्रोजेक्‍ट आगे नहीं बढ़ पाया है।

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के मुख्‍य अभियंता एसके सिन्हा के अनुसार रोपवे के लिए दी गई डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट में कुल लागत 487 करोड़ है। जबकि मेट्रो के वैशाली से मोहननगर के प्रोजेक्ट से 1321 करोड़ कम है। वहीं, मेट्रो रूट की लंबाई 5.04 किमी है और रोपवे की लंबाई 5.17 किमी है। मेट्रो प्रोजेक्ट की तरह से रोपवे में चार स्टेशन प्रस्तावित हैं।

ऐसे में रोपवे की कम लागत को देखते हुए जीडीए मेट्रो के प्रोजेक्ट पर आगे के बजाए रोवपे प्रोजेक्‍ट को आगे बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। जीडीए के अधिकारियों के अनुसार दो सप्ताह में फाइनल डीपीआर जमा होने के बाद फंडिंग पैटर्न पर काम किया जाएगा।
जीडीए के अधिकारियों के प्रोजेक्ट के दो पैटर्न पीपीपी मॉडल है, जिसके लिए निवेशक की तलाश की जाएगी। बची राशि को केंद्र सरकार, राज्य सरकार या फिर जीडीए की ओर से दिया जाएगा।

नोएडा से साहिबाबाद चल सकती है मेट्रो..

जीडीए ने दिल्ली-मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को 72 लाख की सलाहकार राशि देकर मेट्रो फेज-तीन में वैशाली से मोहनगर और मेट्रो फेज-चार में नोएडा से साहिबाबाद की डीपीआर तैयार कराई थी। 5.17 किमी लंबे नोएडा से साहिबाबाद मेट्रो कॉरिडोर की लागत 1517 करोड़ है। इस कॉरिडोर में कुल पांच स्टेशनों का निर्माण होना था।