अगले पांच वर्षों में हस्तशिल्प क्षेत्र में करोड़ों रूपए निवेश करेगी उषा एक्जिम

अगले पांच वर्षों में हस्तशिल्प क्षेत्र में करोड़ों रूपए निवेश करेगी उषा एक्जिम

नई दिल्ली। आभूषण,लकड़ी से बने विभिन्न प्रकार के उत्पादों और इंटीरियर डिजाइन क्षेत्र की अग्रणी कंपनी उषा एक्सिम प्राइवेट लिमिटेड अगले पांच वर्षों में देश में हस्तशिल्प क्षेत्र में करोड़ाें रुपए निवेश करेगी और उसका लक्ष्य कारीगरों को कौशल प्रशिक्षण देना है। उषा एक्सिम के निदेशक लियो शास्त्री ने बताया कि उनका मकसद गांवों और …

नई दिल्ली। आभूषण,लकड़ी से बने विभिन्न प्रकार के उत्पादों और इंटीरियर डिजाइन क्षेत्र की अग्रणी कंपनी उषा एक्सिम प्राइवेट लिमिटेड अगले पांच वर्षों में देश में हस्तशिल्प क्षेत्र में करोड़ाें रुपए निवेश करेगी और उसका लक्ष्य कारीगरों को कौशल प्रशिक्षण देना है। उषा एक्सिम के निदेशक लियो शास्त्री ने बताया कि उनका मकसद गांवों और छोटे क्षेत्रों में कारखानों को संगठित रूप देने और सेटअप करने की योजना है। इन छोटे आकार के कारखानों और वर्कशॉप को सेटअप करने के लिए हम आने वाले पांच सालों में करोड़ों रुपये निवेश करेंगे।

इससे हस्तशिल्प उद्योग में एक अद्भुत बदलाव आएगा और हमें उम्मीद है कि दूसरे क्षेत्र के लोग भी इस प्रक्रिया का पालन करेंगे। उन्होंने बताया कि उनकी रणनीति हमेशा व्यापार के माध्यम से अवसर और आजीविका बनाने की रही है। वह अपने खरीदारों और भागीदारों से अतिरिक्त वित्तीय सहायता के साथ काम करने के लिए कह रहे हैं और इस प्रकिया में 190 से 200 कारीगरों को आजीविका कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। अंशकालिक आधार पर 400 से अधिक कारीगरों की आजीविका को भी सपोर्ट किया जाता है।

शास्त्री ने बताया कि देश के हस्तशिल्प क्षेत्र को पुनर्जीवित करना होगा क्योंकि यह हमारे देश के निर्यात और विदेशों से होने वाली आमदनी में महत्वपूर्ण योगदान देता है। पिछले कुछ सालों में भारतीय हस्तशिल्प उद्योग को कुटीर उद्योग का दर्जा मिला है और इसने बेहतर विकास किया है तथा राजस्व सृजन के प्रमुख क्षेत्र के रूप में उभरा है। इसने पिछले कुछ वर्षों में 15से 20 प्रतिशत की दर से निरंतर विकास किया है।

उन्होंने कहा,“ हस्तशिल्प एक विशिष्ट अभिव्यक्ति हैं और यह देश की संस्कृति, परंपरा और विरासत का प्रतिनिधित्व करती हैं। देश का यह उद्योग महत्वपूर्ण उत्पादक सेक्टर है। राज्य और क्षेत्रीय समूह हस्तशिल्प निर्यात में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं और इसमें 70 लाख से अधिक कारीगरों और 67,000 से अधिक एक्सपोर्टर/इम्पोर्टर जुड़े हैं जो क्षेत्रीय कलाओं और उनके हुनर को घरेलू तथा वैश्विक बाजार में बढ़ावा देते हैं।

कोरोना वायरस महामारी के कारण, रिटेल सेल्स, ज्वैलरी और घर की सजावट के उत्पादों के निर्यात पर ज्यादा प्रभाव पड़ा है और सरकार को ज्वैलरी और होम डेकोर प्रोडक्ट के निर्यात को फिर से पटरी पर लाने के लिए कदम उठाने चाहिए। प्रोडक्ट और प्रोत्साहन दर में वृद्धि होनी चाहिए ताकि एक्सपोर्टर हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्शन में लगे इनपुट लागतों को रिकवर कर सकें।

उषा एक्सिम कंपनी के पास दिल्ली (गारमेंट्स, बैग,जूते), सहारनपुर (लकड़ी), आगरा (स्टोन), मुरादाबाद (लोहा, ज्वैलरी) और मेरठ (ज्वैलरी) में मध्यम स्तर की मैनुफैक्चरिंग यूनिट्स हैं। कंपनी अब भारत के रिटेल मार्केट में काम करने के लिए खरीदारों को लाने और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से भारत अपनी पहुंच बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही हैं।

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