उप्र: गोरखपुर में जल्द सजेगा तितलियों का रंग-बिरंगा संसार

उप्र: गोरखपुर में जल्द सजेगा तितलियों का रंग-बिरंगा संसार

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में निर्माणाधीन शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान में जल्द ही इंडोर बटर-फ्लाई पार्क-ब्रीडिंग सेंटर का निर्माण पूरा हो जाएगा। यहां पर जल्द ही सैलानियों को रंग-बिरंगी तितलियों का संसार देखने को मिलेगा। गोरखपुर में उत्तर प्रदेश का पहला इंडोर बटर-फ्लाई पार्क एवं ब्रीडिंग सेंटर शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान …

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में निर्माणाधीन शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान में जल्द ही इंडोर बटर-फ्लाई पार्क-ब्रीडिंग सेंटर का निर्माण पूरा हो जाएगा। यहां पर जल्द ही सैलानियों को रंग-बिरंगी तितलियों का संसार देखने को मिलेगा। गोरखपुर में उत्तर प्रदेश का पहला इंडोर बटर-फ्लाई पार्क एवं ब्रीडिंग सेंटर शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान में निर्माणाधीन है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो अगस्त के पहले सप्ताह में इस इंडोर पार्क और ब्रीडिंग सेंटर का काम पूर्ण हो जाएगा।

यहां पर बन रहे पार्क में तितलियों को नियंत्रित तापमान में रखा जा सकेगा। इतना ही नहीं, इनकी ब्रीडिंग की व्यवस्था भी होगी। इसके लिए अलग से सेल बन रहा है। पार्क और ब्रीडिंग सेंटर में रहने वाली तितलियों के पोषण का भी ख्याल रखा जाएगा। इसके लिए होस्ट प्लांट लगाया जा रहा है।

राजकीय निर्माण निगम के अवर अभियंता एवं प्रोजेक्ट मैनेजर डी.बी. सिंह ने बताया कि “पार्क का करीब 90 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। इसमें बहुत जल्द होस्ट प्लांट लगाए जाएंगे। ब्रीडिंग सेंटर का निर्माण कार्य भी जल्द ही पूर्ण कर लिया जाएगा।”

इस पार्क में तकरीबन 70 से ज्यादा प्रजातियों की तितलियों को संरक्षित किया जाना है। इसमें मुख्य रूप से लाइन ब्लू, डिंगी स्विट, बलका पेरट, स्पटेड पैरट, प्लेन टाइगर, कॉमन कैस्टर, कॉमन ग्लास यलो, कॉमन जे, डेनेड एगलाई, लैमन मिगरेंट, कुछ दुर्लभ प्रजातियां इंडियन रेड लैश, बुश ब्राउन, क्रिमसन टिप, रेड आई, अफ्रीकन बाबुल ब्लू और कॉमन शट सिल्वर लाइन आदि शामिल हैं।

प्राणि उद्यान के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि “तितलियों के लिए 25 से 35 डिग्री सेल्सियस का तापमान उपयुक्त रहता है। ज्यादातर तितलियों का फूलों में बसेरा होता है। इसके अलावा तितलियों की विभिन्न प्रजातियों के अपने होस्ट प्लांट होते हैं। तितलियां उन्हीं पर अण्डे देती हैं। लिहाजा इंडोर तितली पार्क में तितलियों की प्रजातियों के हिसाब से होस्ट प्लांट भी लगाए जाएंगे। जैसे करी पत्ता, नींबू, पाम, हरश्रृंगार, मालती, गेंदा, अमलताश, बेल, नीम, जामुन, लौकी, तोरी जैसे पौधें लगाए जाएंगे।”

प्रसिद्घ पर्यावरणविद हरिगोविंद पाण्डेय ने बताया कि “प्रदूषण के बढ़ते प्रकोप से तितलियों को काफी नुकसान पहुंचा है। ऐसे में प्राणि उद्यान में बन रहे तितली पार्क से इनका संरक्षण होगा, लोगों में जागरूकता आएगी। ये फसलों के परागण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।”

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