उद्धव ने महाराष्ट्र सरकार पर साधा निधाना, कहा-घोषणाओं की बारिश और क्रियान्वयन के मामले में सूखा

उद्धव ने महाराष्ट्र सरकार पर साधा निधाना, कहा-घोषणाओं की बारिश और क्रियान्वयन के मामले में सूखा

औरंगाबाद। शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने रविवार को महाराष्ट्र सरकार से राज्य में ‘गीला सूखा’ घोषित करने और बारिश से प्रभावित किसानों को नुकसान के आकलन की रिपोर्ट का इंतजार किए बिना 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा देने की मांग की। ये भी पढ़ें- दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध को लेकर भाजपा ने केजरीवाल पर …

औरंगाबाद। शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने रविवार को महाराष्ट्र सरकार से राज्य में ‘गीला सूखा’ घोषित करने और बारिश से प्रभावित किसानों को नुकसान के आकलन की रिपोर्ट का इंतजार किए बिना 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा देने की मांग की।

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औरंगाबाद में बारिश से प्रभावित किसानों से संवाद के दौरान उद्धव ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में घोषणाओं की बारिश हो रही है, लेकिन क्रियान्वयन के मामले में सूखा पड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार को यह देखे-जाने बिना उत्सव आयोजित करना पसंद है कि लोग खुश और संतुष्ट हैं या नहीं। पूर्व मुख्यमंत्री ने औरंगाबाद जिले के पंढरपुर और दहेगांव गांवों का दौरा करने के बाद पत्रकारों से भी बात की। इन गांवों में बारिश से फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।

उन्होंने कहा, यह राज्य सरकार एक उत्सव-प्रेमी सरकार है। घोषणाओं की भारी बारिश हो रही है, जबकि उनके कार्यान्वयन के मामले में सूखा पड़ा हुआ है। आयोजन मनाए जाने चाहिए, लेकिन सरकार को यह भी देखना चाहिए कि राज्य में लोग कम से कम संतुष्ट तो हों।

उद्धव ने कहा कि राज्य सरकार को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष द्वारा निर्धारित राहत मानदंडों को बदलने के प्रयास करने चाहिए, क्योंकि वे पुराने हो चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार को फसल बीमा के ‘बीड पैटर्न’, जिसे 80-110 फॉर्मूला भी कहा जाता है, के कार्यान्वयन पर केंद्र के साथ अनुवर्ती कार्रवाई करनी चाहिए। ‘बीड पैटर्न’ के समर्थकों के अनुसार, यह फॉर्मूला किसानों और राज्य को अतिरिक्त धन के माध्यम से और बीमाकर्ता को भुगतान की सीमा तय करके लाभ देता है।

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