टीएमसी नेता सुष्मिता देव बोलीं- विपक्षी दलों को पीएम मोदी के नेतृत्व का ढूंढना होगा विकल्प

टीएमसी नेता सुष्मिता देव बोलीं- विपक्षी दलों को पीएम मोदी के नेतृत्व का ढूंढना होगा विकल्प

पणजी। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद सुष्मिता देव ने कहा कि देश की विपक्षी पार्टियों को जनता से वोट मांगने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व के खिलाफ एक विकल्प पर विचार करने की जरूरत है। देव ने मंगलवार को गोवा में दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी मोदी के खिलाफ एक ‘अजेय …

पणजी। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद सुष्मिता देव ने कहा कि देश की विपक्षी पार्टियों को जनता से वोट मांगने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व के खिलाफ एक विकल्प पर विचार करने की जरूरत है। देव ने मंगलवार को गोवा में दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी मोदी के खिलाफ एक ‘अजेय शक्ति’ के रूप में उभर रही हैं।

देव ने यह भी कहा कि गोवा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के वोट काटने के लिए तृणमूल मैदान में नहीं उतरी है। बनर्जी नीत पार्टी को संगठन का विस्तार करने के लिए अन्य राज्यों में जाना ही होगा। गोवा में विधानसभा की सभी 40 सीटों के लिए 14 फरवरी को मतदान होना है। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए, देव ने कहा कि सोनिया गांधी नीत पार्टी के साथ कुछ दिक्कतें हैं। ‘यह सबसे पुरानी पार्टी है, इसका जनाधार सबसे मजबूत है, लेकिन फिर भी यह मोदी के खिलाफ विफल क्यों हो जाती है?

राज्यसभा सदस्य ने कहा कि देश में एक बड़ा सवाल यही है कि मोदी बनाम कौन? हमें इसी सवाल का जवाब देना है। जब तक हम इस सवाल का जवाब नहीं दे देते, तब तक हम लोगों के बीच नहीं जा सकते। देव ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर इस वक्त एक विकल्प तलाशने की जरूरत है। यह पूछे जाने पर कि क्या तृणमूल अगले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में ममता बनर्जी को खड़ा करना चाहती है, देव ने कहा कि विपक्ष की तरफ से इस पद का उम्मीदवार तय करना एक सामूहिक निर्णय होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जब लोगों ने सोनिया गांधी से प्रधानमंत्री बनने की उम्मीद की थी, तो उन्होंने यह पद डॉ. मनमोहन सिंह के लिए कुर्बान कर दिया था। इसलिए, श्रीमति गांधी बड़े बलिदान देने की क्षमता रखती हैं और यह उनकी खासियत है। वह किसी के लिए भी ऐसी कुर्बानी दे सकती हैं और मेरे विचार में ममता बनर्जी राष्ट्रीय स्तर की नेता के तौर पर उभरने के लिए तैयार हैं, जो नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक अजेय ताकत साबित हो सकती हैं।

देव ने कहा कि देश का भविष्य क्या होगा, यह कोई नहीं जानता है। उन्होंने कहा, ”राजनीति बहुत गतिशील है। विचार राष्ट्र को बचाने का है, यही विचार उन सब पार्टियों को बांधता है जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) या भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पृष्ठभूमि से नहीं हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि गोवा में कांग्रेस के वोट काटने के लिए तृणमूल मैदान में नहीं उतरी है। देव ने कहा कि अगर आप यही तर्क देते रहेंगे तो कोई भी नयी पार्टी अपने राज्य से नहीं निकल पाएगी।

अगर आप नये दलों से कहते रहेंगे कि आप वोट काटने आए हैं तो इसका यह मतलब हुआ कि अगले 100 वर्षों तक कोई अन्य पार्टी आनी ही नहीं चाहिए। आज, तृणमूल के विस्तार के लिए, हमें अन्य राज्यों में जाना ही होगा।” गोवा में 2017 के विधानसभा चुनाव में, कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी जिसने 40 में से 17 सीट अपने नाम की थी। हालांकि, भाजपा ने तुरंत दूसरी क्षेत्रीय पार्टियों और कुछ निर्दलीय विजयी उम्मीदवारों के साथ मिलकर तटीय राज्य में अपनी सरकार बना ली थी। अब गोवा विधानसभा में कांग्रेस के महज दो सदस्य बचे हैं।

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