उत्तराखंड के इन चार जगहों को मिला है Haunted Place का दर्जा, यहां जाना संभलकर

उत्तराखंड के इन चार जगहों को मिला है Haunted Place का दर्जा, यहां जाना संभलकर

हल्द्वानी, अमृत विचार। उत्तराखंड की वादियां अपनी खूबसूरती के लिए देश-दुनिया में मशहूर हैं। यहां के पहाड़, झरने-झीलें और जंगल हर किसी का मन मोह लेती हैं। लेकिन उत्तराखंड में कुछ ऐसी जगहें भी हैं जो भुतहा जगहों में शामिल हैं। इन डरावनी जगहों को सरकार घोस्ट टूरिज्म के तौर पर प्रचार कर रही है। …

हल्द्वानी, अमृत विचार। उत्तराखंड की वादियां अपनी खूबसूरती के लिए देश-दुनिया में मशहूर हैं। यहां के पहाड़, झरने-झीलें और जंगल हर किसी का मन मोह लेती हैं। लेकिन उत्तराखंड में कुछ ऐसी जगहें भी हैं जो भुतहा जगहों में शामिल हैं। इन डरावनी जगहों को सरकार घोस्ट टूरिज्म के तौर पर प्रचार कर रही है।

परी टिब्बा
उत्तराखंड में हिल्स आफ फैरीज नाम की एक जगह है, जिसे परी टिब्बा भी कहते हैं। यह घने जंगलों के बीच स्थित एक लोकप्रिय जगह है। यहां का सूनसान और वीरानापन लोगों को डराता है। यहां कई बार बिजली गिर चुकी है। कई लोग इसे प्राकृतिक तो कई जादुई मानते हैं। लोगों का दावा है कि यहां परियों को देखा गया है।

मुलीनगर मैनशन
उत्तराखंड में 1825 से पहले बने मुलीनगर मैनशन की कहानी हर किसी को आकर्षित करती है। किसी को नहीं पता कि इस मैनशन के मालिक के साथ क्या हुआ। ये मैनशन खाली और वीरान कैसे बन गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां कुछ अजीब हरकतें होती हैं। कहा जाता हैं कि इस मैनशन के पहले मालिक कैप्टन यंग का भूत आज भी घर में घूमता है।

लंबी देहर माइन
उत्तराखंड के मसूरी में लंबी देहर खदान है। यहां पर खदान का काम नहीं होता है। ये जगह भी भुतहा कही जाती है। कहा जाता है कि 1990 में खदान में काम करने वाले मजदूर बीमार हो गए और देखते ही देखते 50 हजार लोगों के बीमार पड़ने के बाद माइन को बंद कर दिया गया। गांव को छोड़कर 1500 लोग पलायन कर गए। उसके बाद इस जगह को भुतहा घोषित कर दिया गया।

लोहाघाट भूतहा हाउस
उत्तराखंड के लोहाघाट के चंपावत जिले में भी भुतहा जगह है। यहां एक पुराना घर था, जिसमें एक खुशहाल जोड़ा रहता है लेकिन बाद में इसे अस्पताल बना दिया गया। उस अस्पताल में एक डॉक्टर आया जिसने लोगों को उनकी मौत से जुड़ी सलाह देनी शुरू कर दी। डॉक्टर की सलाह सही मान कर अधिक लोग आने लगे। जिस भी मरीज की मौत की तारीख करीब आने वाली होती, उसे एक खास रूम में शिफ्ट कर दिया जाता, जिसे मुक्ति कोठरी कहते थे। बाद में पता चला कि डॉक्टर खुद ही इस कोठरी में मरीजों की हत्या कर देता था। उसके बाद यह घर भुतहा हो गया।