चर्चा है अख़बारों में… 

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चर्चा है अख़बारों में टी. वी. में बाजारों में डोली, दुल्हन, कहारों में सूरज, चंदा, तारों में आँगन, द्वार, दिवारों में घाटी और पठारों में लहरों और किनारों में भाषण-कविता-नारों में गाँव-गली-गलियारों में दिल्ली के दरबारों में। धीरे-धीरे भोली जनता है बलिहारी मजहब की ऐसा ना हो देश जला दे ये चिंगारी मजहब की।। हरिओम …

चर्चा है अख़बारों में
टी. वी. में बाजारों में
डोली, दुल्हन, कहारों में
सूरज, चंदा, तारों में
आँगन, द्वार, दिवारों में
घाटी और पठारों में
लहरों और किनारों में
भाषण-कविता-नारों में
गाँव-गली-गलियारों में
दिल्ली के दरबारों में।

धीरे-धीरे भोली जनता है बलिहारी मजहब की
ऐसा ना हो देश जला दे ये चिंगारी मजहब की।।

  • हरिओम पंवार

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