हल्द्वानी: पहाड़ के विकास में काम आएगा गांवों का कचरा, पढ़िए पूरी खबर

हल्द्वानी: पहाड़ के विकास में काम आएगा गांवों का कचरा, पढ़िए पूरी खबर

मनीष तिवारी,अमृत विचार। नैनीताल के पहाड़ी गांवों का कचरा अब सिर्फ ‘कूड़ा’ बनकर नहीं रह जाएगा। अब गांवों के विकास और उसकी खूबसूरती बरकरार रखने में इस कचरे की बड़ी भूमिका होगी। गांवों के प्लास्टिक कचरे से डस्टबिन और गमले तैयार किए जाएंगे। कचरे से टाइल्स तैयार कर गांवों की सड़कों को संवारने का काम …

मनीष तिवारी,अमृत विचार। नैनीताल के पहाड़ी गांवों का कचरा अब सिर्फ ‘कूड़ा’ बनकर नहीं रह जाएगा। अब गांवों के विकास और उसकी खूबसूरती बरकरार रखने में इस कचरे की बड़ी भूमिका होगी। गांवों के प्लास्टिक कचरे से डस्टबिन और गमले तैयार किए जाएंगे।

कचरे से टाइल्स तैयार कर गांवों की सड़कों को संवारने का काम किया जाएगा। जिला पंचायत विभाग की यह योजना है और इसके लिए उन्होंने गुजरात की कंपनी को चुना है।

इस प्रोजेक्ट को लेकर घर-घर से कचरा इकट्ठा किया जाएगा। इसके लिए एक स्टोरेज स्थल तैयार होगा। जो कचरा घरों से लिया जाएगा, उसमें गीला और सूखा दोनों शामिल होगा। प्लांट में लाकर दोनों को अलग-अलग (पृथक्करण) किया जाएगा। उसके बाद प्लास्टिक कचरे को अलग कर मशीनों के माध्यम से तरल रूप में तैयार किया जाएगा।

जिला पंचायत विभाग से मिली जानकारी के अनुसार डस्टबिन, गमले और टाइल्स बनाने के उपकरणों के माध्यम से प्लास्टिक को आकार दिया जाएगा। योजना है कि जो भी उत्पाद तैयार किया जाएगा, उसका प्रयोग गांवों के विकास में ही किया जाएगा। डस्टबिन के जरिए ग्रामीणों को कचरा डालने की सुविधा मिलेगी, जो टाइल्स बनेंगी उनसे भी ग्रामीणों की राह आसान करने का काम किया जाएगा। गमलों के माध्यम से प्राकृतिक सौंदर्यता को बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा।

बेतालघाट में लग सकता है प्लांट
जिला पंचायत विभाग कूड़ा स्टोर और प्लांट के लिए जमीन तलाश रहा है। पहले रामगढ़ में जगह देखी गई थी, लेकिन ग्रामीणों के विरोध के चलते उसे टाल दिया गया। अब बेतालघाट में 10 नाली भूमि को चिन्हित किया गया है। प्रस्ताव पास होने के बाद इस पर अंतिम मुहर लग जाएगी।

पहले एक साल होगा ट्रायल
कंपनी का पहले एक साल ट्रायल होगा। शुरुआत में चार ब्लॉक से ये कंपनी घर घर जाकर कचरा उठाएगी। उसको रिसाइकिल करेगी। एक साल में यदि वह ऐसा कर पाने में कामयाब होती है तो फिर उसे प्लांट लगाकर आगे की कार्रवाई करने का मौका दिया जाएगा।

पहाड़ी गांवों को स्वच्छ और सुंदर बनाने की योजना है। इसके लिए प्लास्टिक कचरे से गमला, टाइल्स और डस्टबिन बनाने की योजना है। गुजरात की कंपनी को चुना गया है, उसको पहले एक साल ट्रायल देना होगा, उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।-बेला तोलिया, जिला पंचायत अध्यक्ष