पीलीभीत में आफत का सफर: बहनों की भीड़ के आगे कम पड़ गए रोडवेज के इंतजाम, वसूले मनमाने दाम

पीलीभीत में आफत का सफर: बहनों की भीड़ के आगे कम पड़ गए रोडवेज के इंतजाम, वसूले मनमाने दाम

पीलीभीत, अमृत विचार। हर साल की तरह इस बार भी भैया दूज के मौके पर परिवहन निगम के इंतजाम बहनों की भीड़ के आगे कम पड़ गए। भाइयों का तिलक करने के लिए गंतव्य तक जाने निकली बहनों को डग्गामार वाहनों का ही सहारा लेना पड़ा। उधर, परिवहन को लेकर की गई व्यवस्था फेल होने का …

पीलीभीत, अमृत विचार। हर साल की तरह इस बार भी भैया दूज के मौके पर परिवहन निगम के इंतजाम बहनों की भीड़ के आगे कम पड़ गए। भाइयों का तिलक करने के लिए गंतव्य तक जाने निकली बहनों को डग्गामार वाहनों का ही सहारा लेना पड़ा। उधर, परिवहन को लेकर की गई व्यवस्था फेल होने का फायदा उठाते हुए डग्गामार वाहनों के चालक मनमानी पर उतारू हो गए और किराया बढ़ा दिया। जान जोखिम में डालकर सफर तय किया गया, वह भी अधिक कराए पर। परिवहन विभाग के जिम्मेदार इस दिशा में इस बार भी सख्ती नहीं कर पाए।

भैया दूज के दिन बहनों को भाईयों के घर तक जाने में कोई दिक्कत न आए। इसके लिए बसों के फेरे बढ़ा दिए गए थे। हालांकि भीड़ के आगे ये व्यवस्था कम पड़ गई। मगर जिले के भीतर सफर और मुश्किलों भरा साबित हुआ। पूरनपुर और बीसलपुर रूट पर ट्रेनों का संचालन बंद है। इन दोनों रूटों पर बसें भी नाममात्र हैं। ऐसे में डग्गामार वाहन ही सहारा बनते हैं। पीलीभीत से बरखेड़ा, बीसलपुर, पूरनपुर, माधोटांडा, मझोला, न्यूरिया, अमरिया, जहानाबाद आदि स्थानों तक जाने के लिए डग्गामार वाहनों से सफर तय करना एक तरह से सवारियों की मजबूरी बन चुकी।

भैया दूज के दिन इन रूटों पर सवारियों की भीड़ बढ़ी और जिम्मेदारों के इंतजाम नाकाफी साबित हुए तो मनमानी भी शुरू हो गई। एक तरफ निर्धारित संख्या से अधिक सवारियां बैठाई गई। पायदान पर भी सफर कराया। दो गुना किराया सवारियों से वसूला गया। उसके बाद भी सफर जान जोखिम में डालकर तय करना पड़ा। बच्चों के साथ घरों से निकली महिलाओं को अधिक परेशानी हुई। कुछ ने विरोध किया तो उन्हें दूसरी सवारी से जाने की बात कह दी गई। चूंकि मौजूदा संसाधनों में हो नहीं सकता था। ऐसे में चुपचाप मनमानी को सहते हुए सफर करना मजबूरी बना रहा। डग्गामार वाहन चालकों ने भूसे की तरह सवारियों को भरा। इससे हादसे का भी डर बना रहा।

सवारी को घंटों होना पड़ा परेशान
गंतव्य तक जाने के लिए डग्गामार वाहनों का सहारा तो लेना ही पड़ा।मगर, वह भी भीड़ के आगे कम पड़ते दिखाई दिए। जिसके चलते सवारी के इंतजार में घंटों परेशान भी हुए। गौहनिया चौराहा, असम चौराहा, नौगवां चौराहा, छतरी चौराहा समेत कई जगह लोग सवारियों का इंतजार करते दिखे।

नियम पालन ही नहीं, सुरक्षा पर भी दिखी लापरवाही
वाहनों की कमी और भीड़ में धक्के खाने से बचने के लिए भारी संख्या में लोग निजी वाहनों से रवाना हुए। खासकर बाइकर्स इस दौरान बेहद लापरवाह दिखे। बच्चों और महिलाओं समेत परिवार को बाइक पर बैठाया। नियम पालन के नाम पर हेलमेट तक नहीं लगाया। वह भी छोड़िये बैग सामान और अधिक सवारी होने पर हादसे का डर बना रहता है। ऐसे में अपनी और परिवार की फ्रिक को लेकर भी लापरवाही बरती गई।

पुलिस ने की मदद..तो खुश हुए लोग
सड़कों पर नियमों के प्रति भले सख्ती न की जा सकी हो। मगर, वाहनों का इंतजार कर रहे यत्रियों की मदद में पुलिस जरूर आगे रही। चौराहों पर तैनात यातायात और सिविल पुलिसकर्मी वाहनों को रूकवाने के साथ ही बुजुर्ग और बच्चों के साथ परेशान यात्रियों को वाहन में सवार करने के लिए मदद भी करते रहे। यह देख यात्रियों ने सराहना भी की।

बहन के घर बरेली जाना था। नौगवां चौराहा पर काफी देर तक खड़े रहे। जो बसें आ रही थी, उनमें जगह नहीं थी। ईको चालक से बात की गई तो वह मनमाना किराया मांगने लगे। – अमित अवस्थी, यात्री

भाई को तिलक करने के लिए पूरनपुर से पीलीभीत आए हैं। किराया भी आम दिनों से ज्यादा वसूला गया।उसके बाद भी बैठने को सही से जगह नहीं मिल सकी। काफी परेशानी हुई। – विनीता, यात्री

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