मुंशी प्रेमचन्द

‘ईदगाह’

सुप्रसिद्ध कथाकार मुंशी प्रेमचन्द की कालजयी रचना ‘ईदगाह’ का पात्र ‘हामिद’ आधुनिकता के इस दौर में कहीं भी अपनी बुजुर्ग दादी के लिए मेले में ईदी के राशि से चिमटा खरीदता हुआ नहीं दिखता है। कहानी सम्राट मुंशी प्रेम चन्द गोरखपुर में रहा करते थे और यहीं ईदगाह भी थी जहां पर मेला लगता था …
साहित्य 

किसान आज भी वहीं खड़ा है, जहां मुंशी प्रेमचन्द ने अपनी कहानियों में छोड़ा था

कथाकार मुंशी प्रेमचन्द एवं प्रख्यात साहित्यकार की जयंती पर उन्हें विशेष रूप से याद करते हुए फिर से किसान आन्दोलन से जोड़कर देखा जा रहा है, क्योंकि किसान आज भी वहीं है जहां उन्होंने अपनी कहानियों में उसे छोड़ा था। भारतीय किसानों को साहित्य के प्रतिविम्ब पर खड़ा करने वाले मुंशी प्रेम चन्द की प्रासंगिकता …
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