नदीयों

2050 तक नदीयों व समुद्रों में मछलियां कम और प्लास्टिक का कचरा होगा ज्यादा

ज्ञानेंद्र सिंह, नई दिल्ली, अमृत विचार। कभी न गलने व नष्ट होने वाले प्लास्टिक का कचरा अब लोगों के स्वास्थ्य के लिए घातक बनता जा रहा है। प्लास्टिक कचरे से माइक्रो प्लास्टिक नामक छोटे-छोटे विषैले कण पैदा हुए हैं जो वायुमंडल एवं पानी में घुल मिल चुके हैं। 2020 तक भारत को प्लास्टिक कचरे से …
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