हुलियारे
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आधुनिकता में कहीं खो गए होली के रंग, गलियों में अब नहीं सुनाई देते हुलियारों के शोर
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By Amrit Vichar
बरेली, अमृत विचार। आधुनिकता के साथ बदलती जीवन शैली ने अब पर्वों का उल्लास भी कम कर दिया है। होली पर भी अब वह पारंपरिक रंगों की कमी खलती है। पहले जहां होली के कई दिन पहले से ही गलियों में हुलियारों का शोर, घर की दलान में होली के गीतों से एक अलग ही …
