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समुद्र मंथन के बाद सर्पराज नाग वासुकि ने यहां किया था विश्राम, दर्शन मात्र से दूर होता है कालसर्प दोष

समुद्र मंथन के बाद सर्पराज नाग वासुकि ने यहां किया था विश्राम, दर्शन मात्र से दूर होता है कालसर्प दोष अमृत विचार, महाकुम्भ नगर: तीर्थराज प्रयागराज के पौराणिक मंदिरों में नागवासुकी मंदिर का विशेष स्थान है। सनातन आस्था में नागों या सर्प की पूजा प्राचीन काल की जाती रही है। पुराणों में कई नागों की कथाओं का वर्णन है जिनमें...
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