Poem on Lord Ram
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मैं राम पर लिखूं मेरी हिम्मत कहीं है कुछ..., डॉ. लोहिया के समाजवाद के साथी शम्सी मीनाई को भी राम से था खास अनुराग
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By Sachin Sharma
कवेन्द्र नाथ पाण्डेय, बाराबंकी। मैं राम पर लिखूं मेरी हिम्मत कहीं है कुछ, तुलसी ने बाल्मीकि ने छोड़ा नहीं है कुछ....। राम पर लिखी यह रचना हिंदी के विद्वान व प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास देश दुनिया में गा रहे हैं।...
