Yagya-rituals

पुरोहित बनीं संध्या व सुमित्रा, संस्कृत के सहारे चल रही दोनों की आजीविका, जिलों में कराती हैं यज्ञ-अनुष्ठान

प्रयागराज। देववाणी संस्कृत एक भाषा ही नहीं बल्कि एक अनमोल रत्न के समान है। यह हमारे समाज में संस्कार और संस्कृति भी है। यह पूर्वजों व देवताओं की भाषा है। संस्कृत भाषा को जननी भी माना गया है। चार वेदों...
उत्तर प्रदेश  प्रयागराज