मुंशी प्रेमचंद

ऐक्ट्रेस…

रंगमंच का परदा गिर गया। तारा देवी ने शकुंतला का पार्ट खेलकर दर्शकों को मुग्ध कर दिया था। जिस वक़्त वह शकुंतला के रूप में राजा दुष्यन्त के सम्मुख खड़ी ग्लानि, वेदना, और तिरस्कार से उत्तेजित भावों को आग्नेय शब्दों में प्रकट कर रही थी, दर्शक-वृन्द शिष्टता के नियमों की उपेक्षा करके मंच की ओर …
साहित्य 

शतरंज के खिलाड़ी

वाजिदअली शाह का समय था। लखनऊ विलासिता के रंग में डूबा हुआ था। छोटे-बड़े, ग़रीब-अमीर सभी विलासिता में डूबे हुए थे। कोई नृत्य और गान की मजलिस सजाता था, तो कोई अफीम की पीनक ही में मज़े लेता था। जीवन के प्रत्येक विभाग में आमोद-प्रमोद का प्राधान्य था। शासन-विभाग में, साहित्य-क्षेत्र में, सामाजिक अवस्था में, …
साहित्य 

तेंतर…

1-आखिर वही हुआ जिसकी आशंका थी; जिसकी चिंता में घर के सभी लोग विशेषतः प्रसूता पड़ी हुई थी। तीन पुत्रों के पश्चात् कन्या का जन्म हुआ। माता सौर में सूख गयी, पिता बाहर आंगन में सूख गये, और पिता की वृद्धा माता सौर द्वार पर सूख गयीं। अनर्थ, महाअनर्थ! भगवान् ही कुशल करें तो हो? …
साहित्य 

घर जमाई…

1- हरिधन जेठ की दुपहरी में ऊख में पानी देकर आया और बाहर बैठा रहा। घर में से धुंआ उठता नज़र आता था। छन-छन की आवाज़ भी आ रही थी। उसके दोनों साले उसके बाद आए और घर में चले गए। दोनों सालों के लड़के भी आए और उसी तरह अन्दर दाखिल हो गए; पर …
साहित्य 

रामपुर : मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर रजा लाइब्रेरी में लगी पुस्तक प्रदर्शनी, कला के प्रसार का किया प्रयास

रामपुर,अमृत विचार। प्रसिद्ध साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद की जयन्ती के उपलक्ष्य में रजा लाइब्रेरी के दरबार हॉल में प्रेमचंद से सम्बन्धित पुस्तकों की प्रदर्शनी लगी। प्रदर्शनी का उद्घाटन राजकीय रज़ा स्नातकोत्तर महाविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर हिन्दी डा. राजेश कुमार ने किया। प्रदर्शनी में मुंशी प्रेमचंद से संबंधित करीब 250 मुद्रित पुस्तकें लगी हैं। प्रदर्शनी 14 अगस्त …
उत्तर प्रदेश  रामपुर 

मुंशी प्रेमचंद की रचना संसार मानव जाति के लिए अमूल्य निधि है : सीएम योगी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिंदी साहित्य के महान कथाकार मुंशी प्रेमचंद की जयंती के अवसर पर रविवार को उन्हें श्रृद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनका रचना संसार मनुष्य जगत के लिये अमूल्य निधि है। योगी ने ट्वीट कर कहा, विश्व साहित्य जगत के देदीप्यमान नक्षत्र, यथार्थ व भावनाओं को शब्दाकार …
उत्तर प्रदेश  लखनऊ 

गोरखपुर: मुंशी प्रेमचंद जयंती- कथा सम्राट मुंशी जी को विविध रूप में याद किया गया

गोरखपुर। प्रख्यात साहित्यकार एवं कथाकर मुंशी प्रेमचन्द की जयंती के अवसर पर आज गोरखपुर में विविध नाटकों एवं साहित्य की गोष्ठियों में के माध्यम से उन्हें याद किया गया। मुख्य रूप से दो दशकों से भी अधिक समय से मुंशी प्रेमचन्द की जयंती के अवसर पर इप्टा द्वारा उनकी कालजयी कहानियों का नाट्य स्पान्तरण कर …
उत्तर प्रदेश  गोरखपुर 

इस्तीफ़ा…

दफ्तर का बाबू एक बेजबान जीव है। मजदूरों को आंखें दिखाओ, तो वह त्योरियॉँ बदल कर खड़ा हो जाएगा। कुली को एक डाँट बताओ, तो सिर से बोझ फेंक कर अपनी राह लेगा। किसी भिखारी को दुत्कारों, तो वह तुम्हारी ओर गुस्से की निगाह से देख कर चला जायेगा। यहॉँ तक कि गधा भी कभी-कभी …
साहित्य 

बलिदान…

मनुष्य की आर्थिक अवस्था का सबसे ज्यादा असर उसके नाम पर पड़ता है। मौजे बेला के मंगरू ठाकुर जब से कान्सटेबल हो गए हैं, इनका नाम मंगलसिंह हो गया है। अब उन्हें कोई मंगरू कहने का साहस नहीं कर सकता। कल्लू अहीर ने जब से हलके के थानेदार साहब से मित्रता कर ली है और …
साहित्य 

मुंशी प्रेमचंद ने जब काट दिया था लड़के का कान…

हिंदी के उपन्यास सम्राट कहे जाने वाले मुंशी प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई 1880 को बनारस के लमही गांव में हुआ था। प्रेमचंद ने हिंदी साहित्य के खजाने को लगभग एक दर्जन उपन्यास और करीब 250 लघु-कथाओं से भरा है। पहला उपन्यास उर्दू में लिखा था। यह बातें तो हम जानते हैं लेकिन उनके निजी …
साहित्य 

यथार्थवादी लेखन ने मुंशी प्रेमचंद को अमर बनाया: अमित शाह

नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर उनका स्मरण करते हुए शुक्रवार को कहा कि उनके यथार्थवादी और आमजन के जीवन पर आधारित लेखन ने उन्हें अमर बना दिया। मुंशी प्रेमचंद की आज 140वीं जयंती है। शाह ने मुंशी प्रेमचंद को याद करते हुए ट्वीट किया,” उपन्यास सम्राट …
देश 

प्रेमचंद ने ‘राम चर्चा’ भी लिखी थी

नई दिल्ली। हिंदी की प्रगतिशील चेतना के अमर कथाकार मुंशी प्रेमचंद ने ‘राम चर्चा’ नामक एक किताब भी लिखी थी और यह किताब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को बहुत पसंद थी । मुंशी प्रेमचंद की 140 वीं जयंती पर प्रेमचंद सहित्य के विशेषज्ञ लेखक डॉ. कमल किशोर गोयनका ने रहस्योद्घाटन किया । उन्होंने कहा कि प्रेमचंद …
साहित्य