सहित्य
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Nirmal Verma: निर्मल वर्मा की कहानी 'कव्वे और काला पानी' से चुनिंदा कोट्स
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By Deepak Mishra
ज्योंही कोई व्यक्ति हमें छोड़कर चला जाता है, हम उसे अतीत में फेंक कर बदला चुका लेते हैं। बिना यह जाने कि वह अब भी मौजूद है, जीवित है अपने वर्तमान में जी रहा है लेकिन हमारे समय से बाहर...
'इमरोज तुम मेरी जिंदगी की शाम में क्यों मिले, दोपहर में क्यों नहीं'
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By Deepak Mishra
अमृता प्रीतम ने अपनी आत्मकथा 'रसीदी टिकट' में साहिर लुधियानवी के अलावा अपने और इमरोज़ के बीच के आत्मिक रिश्तों को भी बेहतरीन ढंग से क़लमबंद किया। इस किताब में अमृता ने अपनी ज़िंदगी कई परतों को खोलने की कोशिश...
आज का शब्द: निरोग और नरेश सक्सेना की कविता ‘नीम की पत्तियां’
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By Amrit Vichar
हिंदी हैं हम शब्द-श्रृंखला में आज का शब्द है निरोग जिसका अर्थ है 1. जिसे कोई रोग न हो; स्वस्थ। कवि नरेश सक्सेना ने अपनी कविता नीम की पत्तियां में इस शब्द का प्रयोग किया है। कितनी सुन्दर होती हैं पत्तियाँ नीम की ये कोई कविता क्या बताएगी जो उन्हें मीठे दूध में बदल देती …
