मैं उस शाम आऊंगी

… मैं उस शाम आऊंगी – ऋतु गोड़ियाल

सुनो…. मैं उस शाम आऊंगी, जिस शाम तुम गुनगुनाओगे। तुम्हारे हाथों की गर्मी, आंखों की शरारतें, और होंठो की मुस्कान, ये सब पुकारेंगी तो.. मैं उस शाम आऊंगी। मैं फूल चुनूंगी सदाबहार के, मैं आंखों में काजल, माथे पर बिंदिया, जब सजाऊंगी, मैं उस शाम आऊंगी । प्रियतम मेरे…. जिस शाम तुम्हें जाना ना होगा, …
साहित्य