सुभद्रा कुमारी चौहान
<% catList.forEach(function(cat){ %> <%= cat.label %> <% }); %>
<%- node_title %>
Published On
By <%= createdBy.user_fullname %>
<%- node_title %>
Published On
By <%= createdBy.user_fullname %>
<% if(node_description!==false) { %> <%= node_description %>
<% } %> <% catList.forEach(function(cat){ %> <%= cat.label %> <% }); %>
बहराइच: सुभद्रा कुमारी चौहान के जीवन पर आधारित बाल महोत्सव का आयोजन होगा कल
Published On
By Amrit Vichar
बहराइच। महाराजा सुहेलदेव मेडिकल कॉलेज परिसर में रविवार को भारतेंदु नाट्य अकादमी और जन सांस्कृतिक एवम सामाजिक विकास संस्थान की ओर से आयोजित होने वाले बाल नाट्य प्रस्तुति अब रविवार को आयोजित होगा। इसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की शुक्रवार को भाषण के दौरान गोली मारकर …
दो साथी..
Published On
By Amrit Vichar
आनन्द और विनय दोनों, बचपन के साथी थे। प्रायमरी पाठशाला से लेकर हाई स्कूल तक दोनों ने साथ-साथ पढ़ा था। अब साथ ही-साथ दोनों कॉलेज में आये थे। दोनों में गाढ़ी मैत्री थी। परन्तु, साथ- ही-साथ विचार विभिन्नता भी काफी मात्रा में थी। दोनों का स्वभाव बिलकुल भिन्न था-आनन्द पूर्व तो विनय पश्चिम। आनन्द अपने …
वेश्या की लड़की…
Published On
By Amrit Vichar
छाया, प्रमोद की सहपाठिनी थी. प्रमोद, नगर के एक प्रतिष्ठित और कुलीन ब्राह्मण परिवार का लड़का था। और छाया? छाया थी नगर की एक प्रसिद्ध नर्तकी की इकलौती कन्या। नगर में एक बहुत बड़ा राधाकृष्ण का मंदिर था, जहां न जाने कितना सदाव्रत रोज़ बंट जाता था; सैकड़ों साधु-संत मंदिर में पड़े-पड़े भगवद्भजन करते, मनमाना …
दो सखियां…
Published On
By Amrit Vichar
मालिन क्यारियों को निरा रही थी। ऊपर से रग्घू ने आकर कहा-ऊपर जा बाई साहब बुला रही हैं। मालिन घबराई। सबेरे ही सबेरे बाई साहब ने बुलाया है कोई अपराध तो नही हो गया है। वह हाथ की खुरपी भी रखना भूल गई। क्षण भर में हाथ में खुरपी लिए बाई साहब के सामने जा …
वीरों का कैसा हो वसंत…
Published On
By Amrit Vichar
आ रही हिमालय से पुकार है उदधि गरजता बार बार प्राची पश्चिम भू नभ अपार सब पूछ रहें हैं दिग-दिगन्त वीरों का कैसा हो वसंत फूली सरसों ने दिया रंग मधु लेकर आ पहुंचा अनंग वधु वसुधा पुलकित अंग अंग है वीर देश में किन्तु कंत वीरों का कैसा हो वसंत भर रही कोकिला इधर …
