बाणों की शैय्या

भीष्म पितामह ने बाणों की शैय्या पर 58 दिन तक लेटे रहने के बाद त्यागी थी अपनी देह, इस तिथि पर होती है ये खास पूजा

महाभारत युद्ध में बाणों की शैय्या पर 58 दिन तक लेटे रहने के बाद पितामह भीष्म ने माघ शुक्ल अष्टमी के दिन अपनी देह त्यागी थी। इसलिए इस अष्टमी को भीष्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। आज वो पावन दिन है। भीष्माष्टमी पितामह भीष्म के निर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस …
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