सच्चा सपूत

जिसे देश की जय बोलने में संकोच होता है वह देश का सच्चा सपूत नहीं हो सकता: राजेंद्र

सीतापुर। देश की संस्कृति महान रही है। लेकिन सामाजिक बदलाव के चलते जब राष्ट्र का राजनीतिक क्षरण हुआ। जिसके बाद देश को लंबे समय तक गुलामी का दंश झेलना पड़ा था। गुलामी के दंश से छुटकारा पाने के लिए असंख्य क्रांतिकारियों को अपने प्राणों की आहुति देनी पड़ी। लंबे संघर्ष व बलिदानों के बाद मिली …
उत्तर प्रदेश  सीतापुर