द्वार
उत्तराखंड  देहरादून 

देहरादून: इस वर्ष सबसे ज्यादा पर्यटक पहुंचे बाबा केदार के द्वार, अब तक 15,31,946 भक्तों ने किए दर्शन

देहरादून: इस वर्ष सबसे ज्यादा पर्यटक पहुंचे बाबा केदार के द्वार, अब तक 15,31,946 भक्तों ने किए दर्शन देहरादून, अमृत विचार। चारधाम यात्रा करने वाले भक्तों में इस बार केदारनाथ पहुंचने वाले भक्तों की संख्या सबसे ज्यादा रही है। पिछले साल पूरे यात्रा काल में केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और हेमकुंड साहिब में पहली बार 46.29 लाख श्रद्धालुओं...
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साहित्य 

जागो फिर एक बार, प्यार जगाते हुए हारे सब तारे तुम्हें…

जागो फिर एक बार, प्यार जगाते हुए हारे सब तारे तुम्हें… जागो फिर एक बार प्यार जगाते हुए हारे सब तारे तुम्हें अरुण-पंख तरुण-किरण खड़ी खोलती है द्वार जागो फिर एक बार आँखे अलियों-सी किस मधु की गलियों में फँसी बन्द कर पाँखें पी रही हैं मधु मौन अथवा सोयी कमल-कोरकों में? बन्द हो रहा गुंजार जागो फिर एक बार अस्ताचल चले रवि शशि-छवि विभावरी में …
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देश 

तमिलनाडु सरकार ने जलस्तर बढ़ने के बाद मुल्लापेरियार बांध का एक द्वार खोला

तमिलनाडु सरकार ने जलस्तर बढ़ने के बाद मुल्लापेरियार बांध का एक द्वार खोला इडुक्की, केरल। तमिलनाडु सरकार ने भारी बारिश के बाद जलाशय में पानी का स्तर बढ़ने के कारण मंगलवार को सुबह मुल्लापेरियार बांध का एक द्वार खोल दिया। जिला प्रशासन ने यह जानकारी दी। इडुक्की जिला प्रशासन ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया था कि तमिलनाडु सरकार ने घोषणा की थी कि सुबह आठ बजे मुल्लापेरियार …
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उत्तर प्रदेश  लखनऊ 

पूर्वांचल वासियों के उज्ज्वल भविष्य का खुला द्वार : स्वतंत्र देव सिंह

पूर्वांचल वासियों के उज्ज्वल भविष्य का खुला द्वार : स्वतंत्र देव सिंह लखनऊ। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण से पूर्वांचल वासियों के उज्ज्वल भविष्य का खुला द्वार खुल गया है। मंगलवार को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिनंदन एवं निर्माण के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार प्रकट करते हुए कहा कि पूर्वांचल …
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साहित्य 

कफ़न: तू बड़ा बेदर्द है बे! साल-भर जिसके साथ सुख-चैन से रहा, उसी के साथ इतनी बेवफाई!

कफ़न: तू बड़ा बेदर्द है बे! साल-भर जिसके साथ सुख-चैन से रहा, उसी के साथ इतनी बेवफाई! झोपड़े के द्वार पर बाप और बेटा दोनों एक बुझे हुए अलाव के सामने चुपचाप बैठे हुए हैं और अन्दर बेटे की जवान बीवी बुधिया प्रसव-वेदना में पछाड़ खा रही थी। रह-रहकर उसके मुँह से ऐसी दिल हिला देने वाली आवाज़ निकलती थी, कि दोनों कलेजा थाम लेते थे। जाड़ों की रात थी, प्रकृति सन्नाटे …
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