Lonely

पितृपक्ष पर विशेष: आशीर्वाद पिता का…

खत्म हुआ सब मेला ठेला शाम हुई जब हुआ अकेला स्मृतियों से छनकर के तब चेहरा आता याद पिता का। तुम क्या गए कि निपट अकेला ज्यों मेले में छूट गया मैं एक खिलौना मिट्टी जैसा टुकड़े टुकड़े टूट गया मैं, एकाकीपन में होता तब फोटो से संवाद पिता का। रहे सत्य के सदा पुजारी …
साहित्य