विमुग्ध

तुलसीदास का नजरिया: हमारे अन्दर नहीं बचा है किसी तरह का आत्मसम्मान और आत्मबोध

यह जनश्रुति है तुलसीदास कभी मथुरा आए थे और मथुरा के किसी प्रसिद्ध मंदिर में दर्शन करने गए, वहां श्रीकृष्ण का बड़ा सुंदर श्रृंगार किया गया था, तुलसीदास उस मूर्ति को देखकर विमुग्ध हो गए। वे श्रीकृष्ण के आनंद में डूब गए, लेकिन भगवान के सामने सिर नहीं नवाया। वहीं पर उन्होंने गद्गद् कंठ से …
साहित्य