पीलीभीत: रियाज अहमद की सियासी विरासत के लिए भिड़े पुत्र और दामाद

पीलीभीत: रियाज अहमद की सियासी विरासत के लिए भिड़े पुत्र और दामाद

पीलीभीत, अमृत विचार। साले-बहनोई की लड़ाई आखिरकार सड़क पर आ ही गई। साले-बहनोई तो फिलहाल एक दूसरे से नहीं भिड़े लेकिन समर्थकों ने जमकर गाली गलौज, कहासुनी और धक्का-मुक्की हो गई। यह सब महान दल के अध्यक्ष केशव देव मौर्य के सामने हुआ। राइफल निकल आई। लाठी डंडे निकल आए। माहौल देखकर जन आक्रोश यात्रा का …

पीलीभीत, अमृत विचार। साले-बहनोई की लड़ाई आखिरकार सड़क पर आ ही गई। साले-बहनोई तो फिलहाल एक दूसरे से नहीं भिड़े लेकिन समर्थकों ने जमकर गाली गलौज, कहासुनी और धक्का-मुक्की हो गई। यह सब महान दल के अध्यक्ष केशव देव मौर्य के सामने हुआ। राइफल निकल आई। लाठी डंडे निकल आए। माहौल देखकर जन आक्रोश यात्रा का रूट बदल दिया गया। यात्रा पीलीभीत से बरेली के लिए रवाना हो गई। सपाइयों के बीच में यह विवाद पूरे दिन चर्चा में रहा। पूर्व कैबिनेट मंत्री हाजी रियाज अहमद की राजनीतिक विरासत पर अधिपत्य को लेकर उनके पुत्र शाने अली और दामाद मोहम्मद आरिफ में जबरदस्त खींचतान चल रही है।

दोनों ने ही शहर विधानसभा सीट से सपा के टिकट के लिए दावेदारी की है। दोनों ही चुनाव प्रचार भी शुरू कर चुके हैं। मंगलवार सुबह दोनों के समर्थक भिड़े। खूनी संघर्ष की नौबत आ गई।

डॉ. शाने अली ने जन आक्रोश यात्रा का रूट लॉ कॉलेज भिखारीपुर और आसपास के गांवों की तरफ कर दिया। जहां उनके वालिद का अधिपत्य रहा है। आरिफ को जब यह पता लगा तो वह अपने समर्थकों के साथ होटल में पहुंच गए जहां महान दल के अध्यक्ष ठहरे हुए थे। यह प्रस्ताव रखा गया कि यह यात्रा किसी विशेष स्थान पर शुरू करने की बजाय समाजवादी पार्टी के जिला कार्यालय से शुरू की जाए। इस पर शाने अली और आरिफ के समर्थक पूरनपुर रोड स्थित होटल पर एक दूसरे पर बिफर पड़े।

जमकर गाली-गलौज और आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। राइफल निकल आई। पूर्व मंत्री हेमराज वर्मा और जहानाबाद के शाने अली समर्थक तस्लीम शान खान के बीच भिड़े गए और धक्का-मुक्की की नौबत आ गई। होटल में भगदड़ मच गई। होटल के कर्मचारियों की भी हालत खराब हो गई। यह सब करीब एक घंटे तक चलता रहा और दोनों पक्ष के काफी लोग इकट्ठे हो गए।

इसी बीच महान दल के नेताओं ने पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं से संपर्क किया और तय हुआ कि जन आक्रोश यात्रा पीलीभीत में किसी स्थान पर नहीं घूमेगी। पूरनपुर रोड से होते हुए जहानाबाद होकर बरेली के लिए रवाना हो जाएगी। महान दल के नेता भी किसी पचड़े में फंसने से बचने के लिए यात्रा जल्दी निकाल कर चले गए। लेकिन जिस तरह से पूर्व कैबिनेट मंत्री के पुत्र और दामाद के समर्थकों के बीच यह विवाद हुआ उससे निकट भविष्य में किसी बड़ी घटना के भी संकेत मिल रहे हैं।

समाजवादी पार्टी में भी शाने अली और आरिफ को लेकर दो गुट हो गए हैं। पार्टी का एक धड़ा आरिफ का समर्थन कर रहा है तो दूसरा धड़ा शाने अली का। दोनों ही साले- बहनोई टिकट के दावेदार हैं और सपाई पसोपेश में फंसे हुए हैं। इस प्रकरण में कोई भी टिप्पणी करने से सपा के पदाधिकारी बचते रहे। हालांकि इस घटनाक्रम से यह साफ हो गया यह दोनों ही गुट अब बिल्कुल आमने सामने आ चुके हैं।

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