श्रावस्ती: आजादी के 75 साल बाद भी बांस-बल्ली के पुल से नदी पार करने को मजबूर हैं ग्रामीण

श्रावस्ती: आजादी के 75 साल बाद भी बांस-बल्ली के पुल से नदी पार करने को मजबूर हैं ग्रामीण

श्रावस्ती/बलिया। आजादी के 75 साल बीत गये राप्ती नदी के सिसवारा घाट पर एक अदद पुल नहीं बन सका है। पैदल या फिर नाव से नदी पार करना लोगों की मजबूरी बनी हुई है। पानी कम होने पर लोग नदी पर लकड़ी का पुल तैयार करते हैं जिससे आने जाने के लिए लोगों को रुपये …

श्रावस्ती/बलिया। आजादी के 75 साल बीत गये राप्ती नदी के सिसवारा घाट पर एक अदद पुल नहीं बन सका है। पैदल या फिर नाव से नदी पार करना लोगों की मजबूरी बनी हुई है। पानी कम होने पर लोग नदी पर लकड़ी का पुल तैयार करते हैं जिससे आने जाने के लिए लोगों को रुपये देने पड़ते हैं।

75 सालों में देश प्रदेश व जिले में बहुत कुछ बदल गया है। लेकिन यदि कुछ नहीं बदला है तो वह है गिलौला विकास क्षेत्र के सिसवारा गांव के पास के हालात। आजादी के पहले भी यहां लोग राप्ती नदी पार करने के लिए तैर कर या नाव का सहारा लेते थे और आज भी स्थिति वहीं है। लेकिन जब बाढ़ की स्थिति होती है तो कई गांवों के लोगों का मुख्य बाजार से संपर्क टूट जाता है। जिले में राप्ती नदी बह रह है। यह नदी जमुनहा क्षेत्र से निकल कर राप्ती इकौना होते हुए बलरामपुर को निकल जाती है।

रास्ते में नदी कई गांवों को दो भागों में बाटती है। गिलौला विकास क्षेत्र में भी नदी ने सैकड़ों गांवों को दो भागों में बांट रखा है। अन्य क्षेत्रों में नदी पर पुल बने हुए हैं। लेकिन सिसवारा गांव के पास घाट पर आज तक एक अदद पुल नहीं बनाया जा सका है। इससे कई गांवों के लोगों को आवागमन में समस्या होती है। यह मार्ग करीब 50 गांवों को गिलौला से जोड़ती है और यहां पहुंचकर ही लोग जिला मुख्यालय, तहसील मुख्यालय समेत अलग अलग स्थानों को पहुंचते हैं।

लोगों की इस समस्या की न तो आज तक प्रशासन ने ध्यान दिया है और न ही किसी जन प्रतिनिधि ने पुल निर्माण कराने की जहमत उठाई है। जब किसी ने नहीं सुना तो आस पास के ग्रामीणों ने खुद नदी पर लकड़ी का पुल बनाना शुरू कर दिया जो कई वर्षों से बनता चला आ रहा है। लोग आधे नवम्बर में जब नदी का जलस्तर बेहद हो जाता है तो नदी पर लकड़ी का पुल निर्माण करते हैं।

यह पुल जून माह तक बना रहता है। बरसात के सीजन में जलस्तर बढ़ने पर लोग पुल हटा लेते हैं। इसमें सिसवारा, रामगढ़ी, गोड़धोई, रामनगर, जानकीनगर, पुरुषोत्तमपुर, भरथापुर, सेहनिया, ककरा, रैमुनिया, रायपुर बिलेला, काशीपुर मूसा, पुरैना, मध्यनगर समेत 50 गांवों के लोग आवागमन करते हैं। इस पर श्रावस्ती विधायक रामफेरन पांडेय का कहना है कि पुल निर्माण के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है जल्दी कार्य होगा।

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