संवेदनशील समस्या

संवेदनशील समस्या

जर्मनी में जी-7 देशों की बैठक ‘समानता आधारित दुनिया की ओर बढ़ो’, नीति वाक्य के इर्द-गिर्द चर्चाओं के साथ संपन्न हुई। संयोग ही है कि जिस वक्त जी-7 के मंच से भावी दुनिया के लिए बड़ी घोषणाएं हो रही थीं, उसी समय अमेरिका और मेक्सिको की सीमा पर टेक्सास प्रांत के सेंट एंटोनियो इलाके में …

जर्मनी में जी-7 देशों की बैठक ‘समानता आधारित दुनिया की ओर बढ़ो’, नीति वाक्य के इर्द-गिर्द चर्चाओं के साथ संपन्न हुई। संयोग ही है कि जिस वक्त जी-7 के मंच से भावी दुनिया के लिए बड़ी घोषणाएं हो रही थीं, उसी समय अमेरिका और मेक्सिको की सीमा पर टेक्सास प्रांत के सेंट एंटोनियो इलाके में एक लावारिस ट्रक में 46 लाशें मिलीं और जो लोग जिंदा बचे हुए थे, वो भीषण गर्मी के कारण गंभीर अवस्था में मिले।

इस घटना से मानव तस्करी एक भयंकर त्रासदी के रूप में देखने मिली है। मानव तस्करी विश्व में एक गंभीर व संवेदनशील समस्या बनकर उभर रही है। मादक पदार्थों व हथियारों की तस्करी के बाद मानव तस्करी दुनिया में सबसे बड़ा संगठित अपराध है। अमेरिका में अवैध प्रवेश के ऐसे मामले बार-बार सामने आते रहे हैं। कुछ माह पहले भारत के गुजरात के डिंगुचा गांव का पूरा परिवार इस तरह डूब गया था। उसने कनाडा की सीमा को अवैध रूप से तोड़ने की कोशिश की और पूरी तरह से ठंड में जम गया। डिंगुचा के एक अन्य परिवार की भी ऐसी ही स्थिति थी, लेकिन समय पर इलाज से वह बच गया।

संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप में मानव तस्करी बड़े पैमाने पर है, और मानव तस्कर बड़ी मात्रा में धन उगाहने के लिए अमानवीय साधनों का उपयोग करते हैं। गौरतलब है कि हिंसक संघर्षों, टकरावों, आपदाओं, जलवायु व्यवधानों और अन्य त्रासदियों के कारण, विस्थापित होने वाले लोगों की संख्या रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। अपनी जमीन, घर और परिजनों को छोड़कर जान के खतरे उठाकर कोई इंसान दूसरे देश जाता है, तो उसका मतलब यही है कि उसके अपने देश में उसे जीवन की आस दिखाई नहीं दे रही है।

अमेरिका और मेक्सिको की सीमा पर जो त्रासदी घटी है, वह कभी सीरिया या लीबिया से यूरोप आने के प्रयास में लगे लोगों के साथ घटती है और अब ऐसी ही त्रासदी यूक्रेन के लोगों के साथ भी हो रही है। शरणार्थी मामलों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी (यूएनएचसीआर) की रिपोर्ट के मुताबिक विश्व भर में इस वर्ष मई महीने में विस्थापितों की संख्या ने 10 करोड़ के आंकड़े को छू लिया।

बड़े पैमाने पर विस्थापन के लिए खाद्य असुरक्षा, जलवायु संकट, यूक्रेन में युद्ध और अफ़्रीका से अफगानिस्तान तक अन्य आपात परिस्थितियों को मुख्य वजह बताया गया है। इस गंभीर व संवेदनशील समस्या पर नियंत्रण पाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को एक साथ आकर मानव त्रासदी से निपटने, हिंसक टकरावों को सुलझाने और स्थाई समाधान ढूंढने के लिए कार्रवाई करनी होगी।

ये भी पढ़ें- प्रभावी नीति की जरूरत